शान रजा ने बताया कि उनकी अगुवाई में हर साल जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला जाता है। बीते कुछ सालों से इस्लामी परंपरा से हटकर जुलूस में डीजे बजाने का दबाव बढ़ रहा था, जबकि दरगाह-ए-आला हजरत ने इसे नाजायज करार दिया है। उन्होंने कहा कि परंपरा और नियम के अनुसार डीजे को जुलूस में शामिल नहीं किया जा सकता।
इसी बीच उनकी एक पुरानी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। करीब तीन साल पहले वह अपने दोस्तों के साथ नैनीताल जा रहे थे और रास्ते में मजाक-मस्ती में एक डांस वीडियो बनाया था। शान रजा का कहना है कि अब कुछ लोग उसी वीडियो को वायरल करके उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी थी, लेकिन इसके बावजूद वीडियो बार-बार शेयर किया जा रहा है। उनका आरोप है कि इसके पीछे कुछ शरारती तत्व हैं, जो उन्हें डीजे की अनुमति देने के लिए दबाव बनाना चाहते हैं। शान रजा ने तहरीर में एक मोबाइल नंबर सहित सैय्यद अकील अली और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ नामजद करते हुए अपनी जान को खतरा बताया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।