गर्भपात का बहाना या फर्जीवाड़ा?
सुधी डॉली का दावा है कि चुनाव ड्यूटी पहले अंकिता मलिक को सौंपी गई थी। उन्होंने कथित गर्भपात और चिकित्सीय कारणों का हवाला देकर छुट्टी ले ली। लेकिन विद्यालय के दस्तावेज़ों में उनकी उपस्थिति दर्ज है। इस विरोधाभास को आधार बनाकर सुधी डॉली ने प्रशासन से प्रमाणपत्र की जांच कराने और फर्जी पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।
शिक्षिका बोलीं— “पिता बीमार, ड्यूटी निभाना असंभव”
अपने निजी हालात बताते हुए सुधी डॉली ने कहा कि उनके 85 वर्षीय पिता गंभीर रूप से बीमार हैं और उनकी देखभाल की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं पर है। ऐसे में पंचायत चुनाव ड्यूटी निभाना उनके लिए असंभव है। उन्होंने डीएम से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि यदि प्रशासन सही जांच करे तो सच्चाई सामने आ जाएगी।
प्रशासन के पाले में विवाद
अब यह मामला जिलाधिकारी के दरबार में पहुंच गया है। सुधी डॉली का पत्र सोशल मीडिया और विभागीय हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि प्रमाणपत्र और अभिलेखों की जांच के बाद ही कार्रवाई तय होगी।