यह घटना 2013 में बरेली के किला थाना क्षेत्र की है। पीड़िता का भाई FIR में बताया कि 3 सितंबर 2013 को उसकी बहन को शादी समारोह के बहाने दिल्ली से बरेली लाया गया। वहां एक किराए के मकान में आरोपी शादाब ने शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की। विरोध करने पर उसने मिट्टी का तेल डालकर लड़की को आग के हवाले कर दिया।
मौत से पहले दिया था बयान
जलने के बाद शादाब लड़की को अस्पताल में छोड़कर फरार हो गया। बाद में पीड़िता के परिवार को जानकारी मिली और वे उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले गए। जहां 29 सितंबर 2013 को इलाज के दौरान लड़की की मौत हो गई। मौत से पहले दिए गए बयान में लड़की ने बताया था कि शादाब ने दुर्व्यवहार किया, मारपीट की और जबरन संबंध बनाने की कोशिश की।
पोक्सो और अपहरण की धाराएं हटाई गईं
शुरुआत में मामला पोक्सो एक्ट और अपहरण की धाराओं के तहत दर्ज हुआ था। परंतु अभियोजन पक्ष पीड़िता की उम्र साबित नहीं कर सका क्योंकि वह अनपढ़ थी और कोई दस्तावेज नहीं मिले। इसके चलते पोक्सो और अपहरण की धाराएं हटानी पड़ीं। विशेष जज देवाशीष ने कहा कि मृत्यु से पहले दिया गया बयान और 10 गवाहों की गवाही आरोपी को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त थी। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में अन्य 5 आरोपियों को बरी कर दिया।
सरकारी वकील राजीव तिवारी ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट और आयु प्रमाणपत्र नहीं मिल पाए, फिर भी अंतिम बयान और गवाहों की मदद से दोष सिद्ध हुआ।