ग्राहकों से वसूली की रकम को कंपनी खाते में नहीं किया जमा
कुमार गौरव पुत्र राजेंद्र पाल निवासी चिरचिरा, पोस्ट खुदागंज, जिला शाहजहाँपुर और यश सिंह पुत्र हंसराज सिंह निवासी बदायूं, दोनों ने बरेली शाखा में कार्यरत रहते हुए चार ग्राहकों से 11 जून 2024 को 95,000 रुपये और एक अन्य ग्राहक से 26 सितंबर 2024 को 25,351 रुपये की वसूली की। उन्हें यह राशि लोन बंद करने के नाम पर दी गई थी, लेकिन दोनों कर्मचारियों ने यह रकम कंपनी के बैंक खाते में जमा नहीं की।फील्ड से मिटाए सबूत, न लोन कार्ड दिया, न स्कल शीट
आरबीआई गाइडलाइन्स के तहत लोन क्लोजर के बाद ग्राहकों को लोन कार्ड और स्कल शीट देना अनिवार्य है, लेकिन आरोप है कि दोनों कर्मचारियों ने जानबूझकर ये दस्तावेज न देकर फील्ड से सबूत भी मिटा दिए। इससे न केवल ग्राहकों का CIBIL स्कोर खराब हुआ, बल्कि उन्हें दूसरी कंपनियों से लोन लेने में भी परेशानी आ रही है। इससे मुथूट माइकोफिन की साख और भरोसे को क्षेत्र में गंभीर नुकसान पहुंचा है।कंपनी से तोड़ा नाता, रुपये लौटाने से किया इनकार
कंपनी द्वारा संपर्क करने पर दोनों आरोपियों ने बकाया राशि लौटाने से साफ इनकार कर दिया और अक्टूबर 2024 के बाद से कार्यालय आना भी बंद कर दिया।फरार रहने और लगातार संपर्क से बचने के कारण कंपनी ने दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की मांग की है।
मुथूट माइकोफिन लिमिटेड क्या करती है
मुथूट माइकोफिन लिमिटेड ग्रामीण और शहरी महिलाओं को स्वरोजगार के लिए अल्पकालिक ऋण योजनाएं उपलब्ध कराती है। ये ऋण प्रायः महिलाओं को घर पर दिए जाते हैं और उनकी साप्ताहिक या मासिक किस्तें फील्ड ऑफिसर द्वारा घर से वसूली कर जमा की जाती हैं।लेकिन इस प्रकरण में कर्मचारियों ने इसी व्यवस्था का दुरुपयोग किया और कंपनी व ग्राहकों दोनों के साथ धोखाधड़ी की।