नगर निगम की ओर से दिवाकर शर्मा के मकान से लेकर वाइट हॉल स्कूल, विनोचन से एनके शर्मा, केके पांडे से सुल्तान सिंह, चीकू के मकान से गोपाल, और अनु सक्सेना से सुभाष पटेल की कोठी तक सीसी सड़क और नाली निर्माण का कार्य कराया गया था। इस कार्य के लिए मैसर्स राजीव ट्रेडर्स को ठेका दिया गया था। पूर्व में संबंधित जेई ने अपनी रिपोर्ट में निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। शिकायत के आधार पर नगर आयुक्त ने मुख्य अभियंता मनीष अवस्थी और उप नगर आयुक्त पूजा त्रिपाठी की संयुक्त टीम गठित कर जांच कराई।
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मुख्य अभियंता मनीष अवस्थी के मुताबिक जांच टीम ने 19 जुलाई को निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि नाली निर्माण में उपयोग किया जा रहा मसाला अधोमानक था और नाली का बेस भी कमजोर पाया गया। साथ ही सीसी सड़क की मोटाई मानक से कम थी और उसमें जीएसबी (ग्रेन्युलर सब-बेस) की जगह लाल गिट्टी का उपयोग किया गया, जो निर्माण गुणवत्ता के लिहाज से गंभीर चूक है। जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंप दी है, जिसमें कार्यदायी संस्था पर सख्त कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
पहले भी लग चुका है जुर्माना
रिपोर्ट में जिस फर्म मैसर्स राजीव ट्रेडर्स पर सवाल उठे हैं, उस पर इससे पहले भी बीडीए द्वारा जुर्माना लगाया जा चुका है। नगर निगम यदि अब कार्रवाई करता है तो बीडीए समेत अन्य विभागों के निर्माण कार्यों पर भी सवाल उठ सकते हैं।
नगर आयुक्त का बयान
नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने कहा जांच रिपोर्ट के आधार पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। शहर में निर्माण कार्य की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। जो भी फर्म मानकों का पालन नहीं करेगी, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।