बीडीए सचिव ने बताया कि ये कार्रवाई कार्रवाई उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम, 1973 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत की गई। अगर कार्रवाई अवैध निर्माण करता पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
इनके खिलाफ हुई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई
बीडीए उपाध्यक्ष मनिकंदन ए ने बताया कि कैंट क्षेत्र में गजेन्द्र पटेल द्वारा लगभग 12 बीघा भूमि पर सड़क निर्माण, बाउंड्रीवाल तथा भूखंडों का चिन्हांकन कर अवैध रूप से कॉलोनी विकसित की जा रही थी। इसी प्रकार ग्राम करैली में पोषाकी लाल कश्यप द्वारा 10 बीघा क्षेत्र में और भोजीपुरा के बड़ा बाईपास पर इकरार द्वारा 15 बीघा भूमि पर बिना अनुमति कॉलोनी का निर्माण कार्य कराया जा रहा था।
अभियान में ये अफसर रहे मौजूद
प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम ने तीनों स्थलों पर बुलडोजर चलाकर सड़कों, बाउंड्रीवाल एवं अन्य निर्माण कार्यों को ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई में प्राधिकरण के अवर अभियंता अजीत साहनी, सीताराम, सहायक अभियंता रमन कुमार अग्रवाल, संयुक्त सचिव दीपक कुमार सहित प्रवर्तन दल के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
कॉलोनाइजरों पर होती रहेगी कार्रवाई
प्राधिकरण ने लोगों को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि कोई भी व्यक्ति नक्शा स्वीकृत कराए बिना निर्माण या प्लॉटिंग न करें। ऐसा करना अवैध है और ऐसे निर्माण कार्यों को ध्वस्त किया जा सकता है। साथ ही भवन या भूखंड खरीदने से पूर्व उसकी वैधता एवं नक्शा स्वीकृति की जानकारी प्राधिकरण से अवश्य प्राप्त करें। अन्यथा भविष्य में किसी भी प्रकार की क्षति अथवा कार्रवाई के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे।