लखनऊ से आई जांच रिपोर्ट में साफ कहा गया कि अफसरों ने बिना साइट विजिट किए ही निर्माण कार्य का भुगतान कर दिया। न मानकों की परवाह की गई, न गुणवत्ता की जांच। रिपोर्ट के आधार पर शासन ने अवर अभियंता गोपाल बाबू, अपर मुख्य अधिकारी हरमीक सिंह और अभियंता कल्पना सिंह को सस्पेंड कर दिया है। अवर अभियंता पर निर्माण की निगरानी में घोर लापरवाही का आरोप, अपर मुख्य अधिकारी पर बिना निरीक्षण भुगतान की हरी झंडी दिखाने का आरोप और अभियंता पर कार्य में अनियमितता और नजरअंदाजी का आरोप लगा था।
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अब इन तीनों को जिला पंचायत अनुश्रवण कोष्ठक लखनऊ से अटैच किया गया है। फिलहाल इन्हें आधा वेतन और जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा, लेकिन इसके लिए शपथपत्र देना होगा कि वे किसी अन्य काम में नहीं लगे हैं। सूत्रों की मानें तो यह तो सिर्फ शुरुआत है। लिंक रोड के बाकी हिस्सों और पंचायत के अन्य कार्यों की भी जांच चल रही है। आने वाले दिनों में और नाम सामने आ सकते हैं।
कृषि अधिकारी पर पानी की बोतल फेंकी, फिर थप्पड़ मारा
17 जुलाई को जिला पंचायत की बैठक उस वक्त हंगामे में बदल गई, जब खाद संकट पर बोल रहे जिला कृषि अधिकारी नरेंद्र पाल को एक युवक ने पहले पानी की बोतल मारी, फिर थप्पड़ जड़ दिया। ये पूरी घटना उस समय हुई जब बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. दलजीत कौर, सीडीओ राजेंद्र कुमार श्रीवास समेत कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि हमलावर युवक एक सदस्य का वाहन चालक था। वीडियो वायरल होने के बाद कृषि विभाग के अफसरों और कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। घटना के विरोध में कर्मचारी सीडीओ ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए और कार्रवाई की मांग की।