कर्नाटक राज्य अभिलेखागार के उप निदेशक डॉ. महेश ने अपने संबोधन में अभिलेखागार विभाग द्वारा अपनाई गई डिजिटलीकरण प्रक्रिया और ऐतिहासिक अभिलेखों को डिजिटल रूप से संरक्षित करने में शामिल उपकरणों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने दिखाया कि कैसे ये डिजिटल दस्तावेज अब जनता के लिए सुलभ हैं, जिससे शोधकर्ता और छात्र अधिक आसानी से अभिलेखीय सामग्री का पता लगा सकते हैं।
डिजिटल के जाने-माने समर्थक ओम शिव प्रकाश ने कन्नड़ साहित्य की ऑनलाइन उपलब्धता पर एक सत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि किस तरह ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर) तकनीक का उपयोग करके पुस्तकों को स्कैन करके उन्हें खोज योग्य पाठ में बदला जा रहा हो। इससे विद्वानों और आम जनता के लिए पहुंच और उपयोगिता बढ़ रही है।