न्याय सत्याग्रह में मप्र कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी बोले-
यह आज का न्याय सत्याग्रह गजराज लोधी व जीतू पटवारी तक सीमित नहीं है, यह मैं आपके माध्यम से पूरे मप्र को बताना चाहता हूं। राहुल गाधी ने यह दिशा दी है कि यदि किसी के साथ अन्याय हो रहा है और हक छीना जा रहा है, तो उसकी रक्षा-सुरक्षा के लिए जो खड़ा है, वह कांग्रेसी है। जयवर्धनसिंह ने जो पूरा घटनाक्रम बताया, उसमें सबसे मजबूत पहलू है वह सच्चाई है, सच्चाई को कोई नकार नहीं सकता। न्याय सत्याग्रह के माध्यम से मप्र के अंदर जो अलख जगाई जा रही है। सभी से कार्यकर्ताओं से निवेदन है कि यदि किसी के साथ अन्याय हो रहा है, उनके हक पर कोई डाका डाल रहा है तो उसकी रक्षा-सुरक्षा आप करना।
किसी के अधिकार को छीनना संविधान में किसी का अधिकार नहीं है, हां प्रशासन में बैठे कुछ लोगों की मजबूरी होती है, कुछ लोगों का उतावलापन भी होता है। प्रशासन में बैठे तमाम सरकारी कर्मचारियों को मैं विश्वास दिलाता हूं, कांग्रेस का कोई कार्यकर्ता गलत तरीके से आंदोलन नहीं करेगा, धोखे व भ्रम की राजनीति करने वाला कांग्रेसी नहीं हो सकता।
गजराज लोधी व जीतू पटवारी पर जो एफआइआर की गई है, वह होनी चाहिए थी या नहीं, यह न्याय दिलाने की आवाज को दबाना चाहते हो। जहां भी मप्र में अन्याय होगा, वहां हजारों जीतू पटवारी खड़े होंगे, यह भरोसा दिलाता हूं।
जज बनकर आकलन करें
यहां के मंत्री जिनका इस सत्याग्रह में नाम लेना मुझे उचित प्रतीत नहीं हो रहा है… यहां के उप मुख्यमंत्री का नाम भी लेना… क्योंकि जब हम रक्षा कह रहे हैं, देश की रक्षा करने वाली सेना के संदर्भ में उनके क्या शब्द थे… उन लोगों के क्या कृत्य थे, उन लोगों के खिलाफ जो एफआइआर, उन लोगों के खिलाफ जो न्यायालय ने आदेश दिया उस संदर्भ में मप्र की सरकार व प्रशासन क्या कर रहे हैं। मप्र की जनता से आग्रह है कि जज बनकर आकलन कर लो। एक तरफ गजराज लोधी व जीतू पटवारी का प्रकरण और दूसरी तरफ सेना के खिलाफ जो भाषा की, एक तरफ संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है और एक तरफ संवैधानिक अधिकारों को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। जीतू पटवारी पर एफआइआर कर रहे हो। हनुमानजी को साक्षी मानकर खुद जानते हैं कि वह कर क्या रहे हैं, यह संदेश देने कि जो व्यवस्थाएं इन लोगों ने कर रखी हैं, उस संदेश के संदर्भ में मप्र को आज से 1209 दिन बाद जो संविधान ने अधिकार दिया है, उसका जवाब मप्र की जनता देगी।
नया दौर चल रहा है मप्र के अंदर, जहां अन्याय हो रहा है उसके साथ कोई खड़ा नजर नहीं आ रहा है जिनको खड़ा रहना चाहिए। आपने मंत्रियों की बात की, इन मंत्रियों में भी प्रतिस्पर्धा है, प्रतिस्पर्धा क्या है वह मप्र नहीं पूरा देश देख रहा है।
मुख्यमंत्री रहते हुए नकली बीज देकर किसानों के साथ अन्याय किया
मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री देश के कृषि मंत्री पिछले दिनों किसान के खेत में गए, खेत में जो किसान को नकली बीज दे रहे हैं वो बता रहे हैं दुनिया को, माननीय शिवराजसिंह चौहान साहब आप यह संदेश देना चाह रहे हो कि मोहन यादव मुख्यमंत्री रहते हुए किसानों को नकली बीज दे रहे हैं। एक उंगली आप मोहन यादव की तरफ दिखा रहे हो, शिवराजसिंह चौहान साहब उस वक्त तीन उंगली आपकी तरफ भी आ रही हैं कि आपके मुख्यमंत्री रहते हुए आपने कितना नकली बीज देकर किसानों के साथ अन्याय किया। जिन्होंने नकली बीज देकर किसानों के साथ हजारों-करोड़ का घोटाला किया उन लोगों को भी आपने किस तरह से बचाने का कृत्य किया। मैं कांग्रेस के तमाम नेताओं से कहना चाहता हूं कि अब उनका नाम लेना अपन लोगों को छोडऩा पड़ेगा, क्योंकि उनका इकलौता एजेंडा या तो गलत काम करो या तो गलत काम को संरक्षण दो।
हम लोगों का कर्तव्य है कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर, जो जीतू पटवारी पर एफआइआर के संदर्भ में पूरे मप्र व दुनिया को बताना चाहता हूं कि यह जो कार्यक्रम तय करने का निर्देश पार्टी ने दिया तो जीतू पटवारी ने मना किया। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ एफआइआर हुई है, इसके संबंध में कार्यक्रम नहीं रखो। यदि किसी सामान्य कार्यकर्ता के खिलाफ एफआइआर हुई, उसके अंदर हम लोग एक बड़ा सत्याग्रह करें यह जीतू पटवारी का अनुरोध था। प्रभारी होने के नाते मैंने उनका अनुरोध ठुकराया।
जब युद्ध होता है तो सबसे पहले जो इस युद्ध के अंदर जो आगे कप्तानी शुरू करता है तो युद्ध वहां से शुरू होता है। मप्र न्याय सत्याग्रह के युद्ध की शुरुआत जीतू पटवारीजी आपके प्रकरण से हुई है। कहीं भी अन्याय अत्याचार होगा, मप्र का कार्यकर्ता और लोकतंत्र में विश्वास करने वाला हर न्याय योद्धा उस व्यक्ति के साथ में खड़ा रहेगा, उस व्यक्ति के संघर्ष के लिए खड़ा रहेगा, आज से इसकी शुरुआत हो गई है।
संघर्ष के साथ आनंद लो
सावन का महीना है, आनंद का महीना है, संघर्ष के साथ आनंद लो।