script‘डरने की जरूरत नहीं है, एफआर लग जाएगी… यह मेरी गारंटी है…’ लक्ष्मणगढ़ सीओ के रीडर ने मांगे दो लाख, ऑडियो वायरल | Laxmangarh CO's reader demanded two lakhs, audio went viral | Patrika News
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‘डरने की जरूरत नहीं है, एफआर लग जाएगी… यह मेरी गारंटी है…’ लक्ष्मणगढ़ सीओ के रीडर ने मांगे दो लाख, ऑडियो वायरल

सीओ कार्यालय लक्ष्मणगढ़ के रीडर द्वारा एससी-एसटी एक्ट में राजीनामे के बाद एफआर लगाने के नाम पर 2 लाख रुपए मांगने का मामला सामने आया है।

अलवरMay 05, 2025 / 02:33 pm

Kamlesh Sharma

alwar police

AI Photo

गोविंदगढ़/लक्ष्मणगढ़। सीओ कार्यालय लक्ष्मणगढ़ के रीडर द्वारा एससी-एसटी एक्ट में राजीनामे के बाद एफआर लगाने के नाम पर 2 लाख रुपए मांगने का मामला सामने आया है। इसका ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उधर, एसपी के आदेश पर रीडर एएसआई नरेंद्र को पांच दिन पहले लक्ष्मणगढ़ से हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया था। मामले की जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि लक्ष्मणगढ़ थाने में कुलदीप मीणा द्वारा मुकदमा नंबर 151/2025 में भूपेंद्र राजपूत और महेंद्र चौधरी के खिलाफ मारपीट और एससी एसटी एक्ट में दर्ज करवाया था।
उसके बाद भूपेंद्र ने कुलदीप के खिलाफ मुकदमा नंबर 152 मुकदमा दर्ज करवाया, जिसकी जांच लक्ष्मणगढ़ पुलिस उप अधीक्षक कैलाश जिंदल कर रहे थे। इस मामले में ही राजीनामा कराने को लेकर नरेंद्र दो लाख रुपए मांग रहा था।

ऑडियो के अंश

परिवादी: राजीनामा हो गया फिर?

रीडर: हां राजीनामा हो गया है यह फॉर्मेलिटी है जिसे पूरा करना पड़ेगा। मुकदमा दर्ज दोनों तरफ से उसका भी और तुम्हारा भी।

परिवादी: सर आपके हाथ में है करा करू के नक्की करो।
रीडर: मैं आपसे कह रहा हूं कुछ भी नहीं होगा, फॉर्मेलिटी है पूरा करना पड़ेगा।

परिवादी: सर विश्वास है आप पर फिर भी करवा दो

रीडर: माना कर अपने घर की बात है, लेकिन दो पैसे का इंतजाम कर ले। तुम मुझे दे देना मैं उसको पकड़ा दूंगा।
परिवादी: सब 50,000 से एक लाख रुपए में हो जाएगा।

रीडर: गालियां निकालते हुए… एक लाख रुपए में नहीं होगा। सीओ कोई लाख रुपए लेगा क्या? तुम कोई भूखे-नंगे घर के और भिखारी हो क्या?
परिवादी: सर अपने पास इतना बड़ा जखीरा नहीं है

रीडर: नाटक मत कर, 332, 353 का मामला है हाईकोर्ट तक जमानत नहीं होगी। यह कम बात नहीं है कि मैं एफआर लगवा दूंगा। डरने की कोई जरूरत नहीं है। आज ही आ जाओ मैं एफआर लगा दूंगा।
परिवादी: पीछे कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए

रीडर: तू पैसे लेकर आजा, कोई दिक्कत नहीं आएगी। एक बार उसे कोर्ट में ले जाना और तू चले जाना दोनों लिखकर दे देना कि हम कोई कार्रवाई नहीं जाते। एक दो गवाह और ले आना तुम।
परिवादी: पैसे देने के बाद कोई लफड़ा ना हो जाए

रीडर: यह मेरी गारंटी है।

बातचीत के बीच में आया महेंद्र का कॉल

फिर रीडर के पास महेंद्र का कॉल आता है। महेंद्र बोलता है साहब वो आपके पास आ जाएगा। रीडर बोलता है कि वह मेरे पास आ गया। हां, आकर मेरे पास बात कर लो। भूपेंद्र बोलता है कि मैं आ गया साहब के पास ही हूं। आज करवा दूं, अगर आज तू आ जाए तो महेंद्र कहता है कि मैं तो अस्पताल हूं आज नहीं आ सकता छुट्टी हो जाएगी तो तुरंत आ जाऊंगा। अरे यार गवाहों को तो भेज दे। तुम पैसे ले आ ना मैं सीधा दूंगा।
नरेंद्र मेरा रीडर नहीं है। मेरे ऑफिस में पता स्थापित है। पांच से सात दिन पूर्व यह ऑडियो भी मेरे पास आया था। मैंने एसपी साहब को बता दिया था। उन्होंने नरेंद्र को पुलिस लाइन में भेज दिया था।
कैलाश जिंदल, पुलिस उपाधीक्षक लक्ष्मणगढ़।

मामला मेरे संज्ञान में आया है मामले की जांच करवाई जा रही है।

प्रियंका अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण

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