मामला लोकायुक्त में चल रहा
ढहलाबास के उदयभान शर्मा ने आरोप लगाया था कि उस दौरान तैनात एसडीएम प्यारेलाल सोठवाल, तहसीलदार कमल पचौरी, गिरदावर हल्का अरविंद दीक्षित, पटवारी ढहलावास जितेंद्र कुमार छावल आदि आवंटन प्रक्रिया में शामिल थे। मामले की शिकायत के बाद जांच पूर्व एडीएम द्वितीय परसराम मीणा ने की थी, जिसमें एसडीएम को छोड़कर तीनों को दोषी पाया था। तीनों को पता होने के बाद भी सरिस्का की जमीन का आवंटन कराया। पूर्व एसडीएम अलवर को जांच में बचाने का मामला लोकायुक्त में चल रहा है।पहले दबा रहे मामला
दो साल तक मामला दबा रहा। जांच रिपोर्ट भी आ गई, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले को राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया तो प्रशासन के अफसरों ने गंभीरता से लिया। एसडीएम अलवर यशार्थ शेखर ने तीनों आरोपियों की चार्जशीट तैयार कर जिला कलेक्टर आर्तिका शुक्ला को दी। 16 व 18 सीसीए की यह चार्जशीट राजस्व मंडल भेज दी गई हैं।यह भी पढ़ें:
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