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अलवर

तीनों जिलों में 74 सरकारी स्कूल भवन जर्जर, कहीं झालावाड़ जैसा हादसा न हो जाए, जिम्मेदार बेखबर

झालावाड़ में सरकारी स्कूल की बिल्डिंग गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई और 21 बच्चे घायल हो गए। यह महज हादसा नहीं, बहुत बड़ा सबक है। स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए बजट का रोना रोने वालों की नींद इस हादसे के बाद खुल जानी चाहिए।

अलवरJul 26, 2025 / 12:07 pm

Rajendra Banjara

एसएमडी स्कूल अलवर (photo- patrika)

झालावाड़ में सरकारी स्कूल की बिल्डिंग गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई और 21 बच्चे घायल हो गए। यह महज हादसा नहीं, बहुत बड़ा सबक है। स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए बजट का रोना रोने वालों की नींद इस हादसे के बाद खुल जानी चाहिए। पुराने अलवर जिले के हिसाब से 16 ब्लॉकों में 74 सरकारी स्कूल भवन जर्जर हैं।

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यहां इतने हैं जर्जर स्कूल भवन

मौजूदा वक्त में ये स्कूल अलवर, बहरोड़-कोटपूतली और खैरथल-तिजारा में संचालित हैं। इसमें अलवर जिले के 50, कोटपूतली-बहरोड़ जिले के 13 और खैरथल-तिजारा जिले के 11 स्कूल भवन जर्जर हैं। कहीं कमरों से पानी टपक रहा है और तो लेंटर गिर रहा है। बच्चे रोजाना जान जोखिम में डालकर इन स्कूलों में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। शिक्षा विभाग की ओर से डेढ़ माह पूर्व इन स्कूलों की मरमत का प्रस्ताव विभाग को भेजा था, लेकिन अब तक बजट की स्वीकृति नहीं दी है। जानकार बताते हैं कि सरकारी स्कूलों में मरमत के नाम पर मामूली बजट दिया जाता है, जिससे मरमत होना संभव नहीं है।
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Photo- हरसौली राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की छतों से टपकता है पानी (फोटो -पत्रिका)

जर्जर मकानों व स्कूल भवनों का होगा सर्वे

जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सभी विद्यालयों, कॉलेजों, आंगनबाड़ी केंद्रों एवं जर्जर मकानों का सघन सर्वे कर क्षतिग्रस्त व जीर्ण-शीर्ण भवनों को चिन्हित करने व उनको वैकल्पिक स्थानों पर शिफ्ट कराने के आदेश शुक्रवार को जिला कलेक्टर डॉ. आर्तिका शुक्ला ने दिए हैं। विद्युत निगम के अधिकारियों को 7 दिन में ढीली विद्युत लाइन, टेढ़े विद्युत पोल दुरुस्त करवा कर सुचारु होने का प्रमाणपत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सीईओ जिला परिषद को ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों के रास्तों को दुरुस्त कराने के निर्देश दिए।

प्रताप व यशवंत स्कूल

प्रताप स्कूल में कुछ दिन पूर्व बारिश से बरामदे का प्लास्टर गिर गया। यहां कई कमरों को कंडम घोषित कर रखा है, लेकिन ढहाया नहीं गया। यशवंत स्कूल की भी यही हालत है। दोनों आस-पास एक ही परिसर में हैं। यहां के पांच कमरों में नालों का पानी भरा रहता है। यशवंत स्कूल में तीन कमरे कंडम हैं, जिनको बंद किया हुआ है। इनमें जाने पर रोक लगा रखी है।
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Photo- प्रतापगढ़ -राजकीय संस्कृत विद्यालय में गिराऊं हालत में रसोई व शौचालय (फोटो -पत्रिका)

महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल, नयाबास

यहां 550 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। स्कूल भवन के अधिकांश कमरों की हालत खराब है। कक्षाकक्ष जर्जर हो गए हैं। लेंटर गिर रहा है। दीवारों पर सीलन व दरारें हैं। इन्हीं कमरों में बैठ कर बच्चे पढ़ते हैं। समसा की ओर से तीन साल पहले नए कमरे बनाए गए, वे भी जर्जर हालत में पहुंच गए हैं। इनकी फर्श नीचे धंसने लगी है। दीवारों से चूना गिर रहा है। समसा के अधिकारियों को कई बार स्कूल प्रबंधन ने पत्र भेजा, लेकिन ध्यान नहीं दिया।
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Photo- थानागाजी में ग्रा० प० बामनवास चौगान का विद्यालय भवन (फोटो -पत्रिका)

एसएमडी स्कूल

राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय एसएमडी स्कूल का भवन जर्जर हो चुका है। पूरे भवन में सीलन है। इसकी छत के नीचे ही स्टाफ और छात्राएं बैठतीं हैं। स्कूल में प्रतिदिन 390 छात्राएं आ रही हैं। बारिश में छत से पानी टपकता है। कई बार छत से चूना गिरता है। स्कूल में 10 कमरे हैं, जो जर्जर हालत में हैं। बच्चों को इन्हीं कमरों में बैठना पड़ रहा है। स्कूल प्रशासन ने इसकी सूचना समसा विभाग को दे रखी है, लेकिन भवन की मरम्मत नहीं हो पाई है। स्कूल में दो दिन पहले भी मलबा गिरा था।

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