जांच में पता चला है कि आरोपी ने 10 हजार रुपए में अपना बैंक अकाउंट ठगों को किराए पर दिया था, जिसमें 70 लाख रुपए का संदिग्ध लेन-देन हुआ।
ऐसे फंसी महिला टीचर
मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल की इंग्लिश टीचर गार्गी दास को 25 अगस्त 2024 को एक कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को ट्राई (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) का अधिकारी बताते हुए उनका नंबर बंद करने की धमकी दी। इसके बाद एक वॉट्सएप कॉल आया, जिसमें खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताने वाले शख्स ने गार्गी को बताया कि उनके खिलाफ कनाडा में मनी लॉन्ड्रिंग की एफआईआर दर्ज है।
फर्जी दस्तावेज भेजकर डराया
फर्जी दस्तावेज भेजकर महिला को डराया गया और किसी को कुछ न बताने की हिदायत दी गई। फिर डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ऑनलाइन कोर्ट का नाटक किया गया और जेल भेजने की धमकी देकर चार बार में 12 लाख 80 हजार रुपए की राशि ट्रांसफर करवा ली गई।
आरोपी का बैंक खाता था इस्तेमाल
सीओ हनुमान सिंह ने बताया, 26 सितंबर 2024 को इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। जांच के दौरान ठगी की राशि जिन खातों में ट्रांसफर हुई, उनमें से एक खाता जुंजा राम उर्फ जीतू (23) पुत्र गंगाराम निवासी बाड़मेर का था। आरोपी ने अपना खाता 10 हजार रुपए में साइबर ठगों को किराए पर दे दिया था।
आरोपी बीए पास
महिला से ठगे गए पैसों में से करीब 1 लाख रुपए इस खाते में आए, जिन्हें आरोपी ने चेक के माध्यम से निकाल लिया। आरोपी बीए पास है और पैसों के लालच में आकर यह अपराध किया। पूछताछ में यह पता लगाया जा रहा है कि आरोपी ने खाता किसे और कैसे दिया। मामले में पूर्व में तीन अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। पुलिस अब पूरे नेटवर्क की तह तक पहुंचने के लिए जांच में जुटी है।