अहंकारी नहीं, विनयवान बने रहने का प्रयास करे मानव : आचार्य महाश्रमण
कोबा में महावीर आराधना केन्द्र पहुंचे, आज प्रेक्षा विश्व भारती में करेंगे प्रवेश अहमदाबाद. जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें आचार्य महाश्रमण शनिवार को मोटेरा-उत्तर से विहार कर कोबा में स्थित महावीर आराधना केन्द्र पहुंचे। वे 2025 के चातुर्मास के लिए कोबा स्थित प्रेक्षा विश्व भारती में शनिवार सुबह 9.31 बजे प्रवेश करेंगे।महावीर आराधना केन्द्र […]


कोबा में महावीर आराधना केन्द्र पहुंचे, आज प्रेक्षा विश्व भारती में करेंगे प्रवेश
अहमदाबाद. जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें आचार्य महाश्रमण शनिवार को मोटेरा-उत्तर से विहार कर कोबा में स्थित महावीर आराधना केन्द्र पहुंचे। वे 2025 के चातुर्मास के लिए कोबा स्थित प्रेक्षा विश्व भारती में शनिवार सुबह 9.31 बजे प्रवेश करेंगे।
महावीर आराधना केन्द्र में प्रवचन में आचार्य ने कहा कि मानव को अहंकारी नहीं, विनयवान बने रहने का प्रयास करना चाहिए। आदमी को विद्या का घमण्ड नहीं करना चाहिए। विनय से विद्या शोभित होती है। विद्या के साथ विनय का होना आवश्यक है। आदमी को शक्ति, धन और रूप के अहंकार से बचने का प्रयास करना चाहिए। यह भी कहा जा सकता है कि आदमी को किसी प्रकार के घमण्ड से बचने का प्रयास करना चाहिए।
आचार्य ने कहा कि किसी के पास शक्ति है तो वह उसका सदुपयोग अच्छे कार्यों में करे। किसी प्रकार की तपस्या का अहंकार भी नहीं करना चाहिए। किसी के पास सत्ता है, प्रभुत्व है तो उसे भी अहंकार से बचना चाहिए। धन के अहंकार से भी बचने का प्रयास करना चाहिए। किसी के जीवन में कोई भी उत्कर्ष हो तो उसका सदुपयोग करने का प्रयास करना चाहिए, अहंकार से बचने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आदमी यह विचार करे कि जो भी उसे प्राप्त है, वह उसकी पूर्वकृत पुण्याई का फल प्राप्त कर रहा है, उसे अपने आगे पर ध्यान देने का प्रयास करना चाहिए। आदमी पुण्यवत्ता अहंकार की निमित्त न बने। वैभव से आदमी घमण्ड की ओर चला जा सकता है। अहंकार एक दुराग्रह है। इसलिए अहंकार से बचने का प्रयास करना चाहिए। जितना संभव हो, जीवन में विनयवान बने रहने का प्रयास होना चाहिए। परिवार, समाज, समुदाय कहीं भी अहंकार काम का नहीं होता है।
आचार्य ने कहा कि आज हमारा महावीर आराधना केन्द्र में आना हुआ है। प्रेक्षा विश्व भारती में प्रवेश करने से पूर्व हम उसके पड़ोस में आए हैं। दोनों ही खूब धार्मिक-आध्यात्मिक विकास करें, यह कामना है। महावीर आराधना केन्द्र की ओर से श्रीपालभाई ने आचार्य को कुछ पुस्तकें भेंट की। आचार्य रविवार को कोबा स्थित प्रेक्षा विश्व भारती में वर्ष 2025 के चातुर्मास के लिए प्रवेश करेंगे। अहमदाबाद चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति ने तैयारी पूरी कर ली है।Hindi News / Ahmedabad / अहंकारी नहीं, विनयवान बने रहने का प्रयास करे मानव : आचार्य महाश्रमण