जूनागढ़ के मांगरोल निवासी और बढ़ई का काम करने वाले जुनेद यूसुफ व तबस्सुम का 9 महीने का बेटा मोहम्मद को 15 दिनों से खांसी आ रही थी। वह रुकने का नाम नहीं ले रही थी। उसे जूनागढ़ के एक शिशु रोग विशेषज्ञ को दिखाया गया तो पता चला कि उसकी सांस की नली में कुछ फंसा है। जुनैद भाई को राजकोट के एक निजी अस्पताल में आगे की जांच कराने की सलाह दी गई। वे खर्च वहन नहीं कर सकते थे, इसलिए अहमदाबाद के सिविल अस्पताल पहुंचे। 3 जून, 2025 को अस्पताल के बाल चिकित्सा सर्जरी विभाग में बच्चे को भर्ती कराया गया।
ऑपरेशन के बाद बालक स्वस्थ
अहमदाबाद सिविल अस्पताल के बाल चिकित्सा सर्जरी विभाग के अध्यक्ष व अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी और एनेस्थीसिया विभाग के प्रोफेसर डॉ. नीलेश व उनकी टीम ने ब्रोंकोस्कोपी के बाद दाईं ओर मुख्य श्वासनली से एक एलईडी बल्ब को सफलतापूर्वक निकाला।ऑपरेशन के बाद बच्चे के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है और बच्चा अब बिना किसी अन्य समस्या के स्वस्थ है। उसे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने कहा कि हर वर्ष दो से आठ जून तक पीडियाट्रिक सर्जरी सप्ताह मनाया जाता है। इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक सर्जन (आईएपीएस) द्वारा बच्चों की सर्जिकल बीमारियों और उनके उपचार के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए यह सप्ताह मनाया जाता है।
डॉ.जोशी ने कहा कि यह पहला मामला नहीं है जब छोटा बच्चा इस प्रकार से खिलौने का एलईडी बल्ब निगल गया हो और उसे समस्या हुई हो। इससे पहले भी कई मामले सामने आए हैं। ऐसे में अभिभावकों को इस प्रकार केे खिलौने देते समय सतर्क करने की जरूरत है।