वन स्टॉप सेंटर प्रभारी पर गंभीर आरोप
पीड़ित युवती के मुताबिक परिवार ने उसे जबरन अधेड़ उम्र के व्यक्ति को बेच दिया गया था और 15 दिन तक बंधक बनाकर रखा गया। भागकर नलखेड़ा पुलिस की शरण लेने पर उसे 9 जून 2024 को वन स्टॉप सेंटर लाया गया, लेकिन यहीं से उसके जीवन का एक और डरावना अध्याय शुरू हुआ। वन स्टॉप सेंटर से 12वीं में प्रवेश दिलवाया गया और छात्रावास में छोड़ दिया। छुट्टियों में वापस वन स्टॉप सेंटर गई तो प्रशासक भावना बड़ोदिया ने मारपीट कर शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करवाए।
‘अजनबियों से संबंध बनाने किया मजबूर’
पीड़िता के मुताबिक जब वो वन स्टॉप सेंटर वापस आई तो प्रभारी भावना बड़ोदिया ने नौकरी का लालच दिया और अपने साथ उज्जैन ले गई जहां उसे कैद में रखा गया। छोटे कपड़े पहनने के लिए मजबूर किया गया। नशा कराकर घर में काम करवाए गए और अजनबियों के साथ संबंध बनाने को मजबूर किया गया। जब उसने विरोध किया तो उसे पीटा गया। सीएसपी मोतीलाल कुशवाह ने बताया कि पीड़िता के आवेदन पर जांच कोतवाली थाने में की जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग से भी जानकारी ली जा रही है।