पोकरण‑II परमाणु परीक्षण व परमाणु रक्षा डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की सोच
पूर्व राष्ट्रपति और पोकरण परमाणु परीक्षण के मुख्य सूत्रधार मिसाइलमैन भारत रत्न डा एपीजे अब्दुल कलाम ने देश को पृथ्वी, नाग, आकाश, त्रिशूल और अग्नि प्रक्षेपास्त्र देने वाले मिसाइलमैन पूर्व राष्ट्रपति व रक्षा वैज्ञानिक भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की अपणायत के शहर जोधपुर के साथ कई मधुर यादें जुड़ी हुई हैं। वे रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन से जुड़ी जोधपुर की रक्षा प्रयोगशाला में तो वे खूब आए। यहां के प्रयोगों में उनकी यादें बसती हैं। मई 1998 में पोकरण द्वितीय परमाणु परीक्षण व परमाणु रक्षा उनके दिमाग की ही सोच थी। उनकी इस सोच के कारण भारत परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बना।
मेजर जनरल पृथ्वीराज बन कर मंडी में ड्राइवर बन कर पहुंचे थे कलाम
पोकरण परमाणु परीक्षण के समय डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम खुद जोधपुर आए थे और जोधपुर की पावटा सब्जी मंडी से ट्रक में आलू भर ड्राइवर बन सिर पर साफा बांध कर पोकरण गए थे। इस मिशन के दौरान वे मेजर जनरल पृथ्वीराज बन कर आए थे। यह उनकी सूझबूझ का ही परिणाम था कि अमरीका की एजेंसी सीआईए तक को यह पता नहीं चला कि भारत ने परमाणु परीक्षण किया है। नतीजतन खुन्नस खा कर अमेरिका ने भारत पर सीटीबीटी प्रतिबंध लगाए।पोकरण परमाणु परीक्षण के बाद किस देश ने भारत पर प्रतिबंध लगाए
देश / संस्थान | प्रतिबंध की अवधि | प्रतिबंध का स्वरूप |
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अमेरिका | 1998 (लगभग 6 महीने) | आर्थिक सहायता बंद, रक्षा/तकनीकी उपकरणों की निर्यात रोक, अंतर्राष्ट्रीय ऋण संस्थानों से लोन विरोध |
कनाडा | 1998–1999 | परमाणु संबंध सहायता अवरुद्ध |
जापान | 1998–2001 | नई सरकारी सहायता रोक, वितीय सहायता सीमित |
यूरोपीय संघ और अन्य देश | 1998 की अवधि में | तकनीकी और व्यापार सहयोग पर रोक |
परीक्षण कब, कहाँ और कैसे हुआ
- तारीख: 11 और 13 मई 1998 (मुख्य दो परीक्षण)।
- स्थान: राजस्थान के पोकरण क्षेत्र, विशेष रूप से चाम्बल रेज के तहत किया गया।
- प्रकार: भूमिगत परमाणु परीक्षण – कुल पाँच बम परीक्षण किए गए।
ट्रंप ने भारत पर टैरिफ कब, क्यों और क्या लगाया ?
- बताई गई घोषणा: 30 जुलाई 2025 को डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि 1 अगस्त 2025 से भारत से आयातित वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा, साथ ही रूस से रक्षा और ऊर्जा खरीद पर एक अतिरिक्त ‘penalty’ भी लगेगी।
- तर्क: उन्होंने कहा कि भारत के टैरिफ बहुत ऊँचे हैं, अमेरिका के साथ व्यापार बहुत कम हुआ है और रूस के साथ भारत के संबंध अमेरिका के हितों के विपरीत हैं। इसलिए यह कदम ज़रूरी था।
- प्रभाव: अनुमानित व्यापार घाटा ₹3.79 लाख करोड़ रुपये (2024 में), भारतीय स्मार्टफोन, आभूषण, दवाइयां, वस्त्र, औद्योगिक मशीनरी प्रभावित हो सकते हैं।
अमेरिका प्रतिबंध क्यों लगाता है?
- रणनीतिक दबाव, व्यापार-तुलनात्मक घाटा, उच्च भारतीय टैरिफ और रूस/भारत के रक्षा-ऊर्जा संबंधों के चलते अमेरिका ऐसे कदम उठाता है।
- प्रतिबंधों का उद्देश्य व्यापार बातचीत में स्थिति को मजबूती देना और व्यापार समझौतों को निष्पक्ष बनाना है।
ये प्रतिबंध 6 महीने बाद हटाए ,25% टैरिफ लागू कर फिर तनाव पैदा किया
संक्षेप में, वाजपेयी सरकार के समय पोकरण‑II परीक्षणों के बाद अमेरिका समेत कई देशों ने CTBT संबंधित आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे। ये प्रतिबंध लगभग छह महीने बाद धीरे-धीरे हटाए गए। इन प्रतिबंधों के बाद भारत को कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चुनौती झेलनी पड़ी थी।अब ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 25% टैरिफ लागू कर एक बार फिर व्यापार तनाव पैदा कर दिया है, जिसका उद्देश्य भारत की रक्षा-ऊर्जा रूस से संबंधों और उच्च व्यापार बाधाओं को कमी के लिए दबाव बनाना है। हालांकि, कुछ ही महीनों में भारत की स्थिति को लेकर वैश्विक रुख बदलने लगा और कई प्रतिबंध हटा लिए गए।ट्रंप के नए टैरिफ से भारत को कहाँ नुकसान होगा ?
ज्वैलरी और हैंडीक्राफ्ट सैक्टर पर सीधा असर पड़ सकता है।अमेरिका क्यों लगाता है ऐसे प्रतिबंध ?
अमेरिका अक्सर उन देशों पर आर्थिक या व्यापारिक प्रतिबंध लगाता है जिनकी नीतियाँ उसके रणनीतिक हितों के खिलाफ जाती हैं। भारत का रूस के साथ रक्षा और ऊर्जा सहयोग, अमेरिका को असहज करता है।पोकरण परमाणु परीक्षण कब और कहां हुआ था
भारत ने पहला परमाणु परीक्षण 18 मई 1974 को किया था, जिसे “स्माइलिंग बुद्धा” नाम दिया गया था। इसके बाद दूसरा बड़ा परीक्षण 11 और 13 मई 1998 को किया गया, जिसे पोकरण-II कहा जाता है। ये परीक्षण अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते हुए हुए थे। यह परीक्षण राजस्थान के जैसलमेर ज़िले में स्थित पोकरण परीक्षण स्थल पर किया गया था। यह एक रेगिस्तानी और दूर-दराज़ इलाका है, जिसे रणनीतिक रूप से परीक्षण के लिए चुना गया था। सन 1998 के पोकरण परीक्षणों में भारत ने कुल 5 न्यूक्लियर डिवाइस परीक्षण किए। इनमें थर्मोन्यूक्लियर और फिज़न बम शामिल थे। वैज्ञानिकों ने इसे गुप्त रूप से तैयार किया और बड़ी सावधानी से भूमिगत सुरंगों में परीक्षण किया ताकि अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को भनक न लगे।क्या है सीटीबीटी CTBT ?(Comprehensive Nuclear-Test-Ban Treaty)
CTBT (व्यापक परमाणु-परीक्षण-प्रतिबंध संधि) एक अंतरराष्ट्रीय संधि है जिसका उद्देश्य दुनिया में किसी भी प्रकार के परमाणु परीक्षणों को पूरी तरह से रोकना है।
सभी सदस्य देशों को परमाणु विस्फोट करने से रोकना।