ट्रंप की सख्ती का दिख रहा असर, अमेरिकी स्टूडेंट वीज़ा के लिए भारतीय छात्रों का रुझान हुआ कम
हर साल भारतीय छात्रों को ही सबसे ज़्यादा अमेरिकी स्टूडेंट वीज़ा दिए जाते हैं। हालांकि अब अमेरिका जाकर पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले छात्रों का रुझान कम हुआ है।
हर साल बड़ी संख्या में अमेरिकी स्टूडेंट वीज़ा (US Student Visa) दिए जाते हैं। सबसे ज़्यादा अमेरिकी स्टूडेंट वीज़ा भारतीय छात्रों (Indian Students) को ही दिए जाते हैं। हालांकि पिछले कुछ महीनों में अमेरिका जाकर पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले भारतीय छात्रों के रुझान में कमी आई है और साथ ही उनकी संख्या में भी। अमेरिकी विदेश विभाग के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार मार्च से मई तक जारी किए गए F-1 स्टूडेंट वीज़ा की संख्या में गिरावट देखने को मिली है।
मार्च से मई तक के आंकड़े पर गौर किया जाए, तो हैरानी होती है। 2021 में कोरोना महामारी के कारण अमेरिकी स्टूडेंट वीज़ा पाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या काफी कम थी और 2022-23-24 के बाद अब 2025 में मार्च, अप्रैल और मई में भारतीय छात्रों को जारी किए गए अमेरिकी स्टूडेंट वीज़ा की संख्या में गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट को नीचे दी गई तस्वीर से समझा जा सकता है।
F-1 Visas issued to Indians during March-May, from 2021-25 (Photo – US State Department)
किस वजह से हुई गिरावट?
अमेरिकी स्टूडेंट वीज़ा पाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में गिरावट आने की सबसे बड़ी वजह है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की सख्त नीतियाँ। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी स्टूडेंट वीज़ा पाने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए नियम पहले से सख्त कर दिए हैं। इतना ही नहीं, ट्रंप प्रशासन ने कुछ अंतर्राष्ट्रीय छात्रों पर फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में हिस्सा लेने, सोशल मीडिया पर अमेरिका या इज़रायल का विरोध जैसी वजहों से भी कई भारतीय छात्रों का वीज़ा रद्द कर दिया। ट्रंप ने हार्वर्ड (Harvard) जैसी बड़ी यूनिवर्सिटीज़ को भी विदेशी छात्रों के दाखिले को प्राथमिकता न देने की बात कही है, जिससे भारतीय समेत कई विदेशी छात्रों का अमेरिका में जाकर पढ़ाई करने का रुझान कम हुआ है।