एक्स पर पोस्ट शेयर कर दी जानकारी
पाकिस्तानी सरकार ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए इस नामांकन की जानकारी दी है। उन्होंने लिखा, भारत – पाक युद्ध के दौरान ट्रम्प के निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप और महत्वपूर्ण नेतृत्व को मान्यता देते हुए पाकिस्तान सरकार ने उन्हें 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से नामित करने का फैसला लिया है।
पहली बार अमरीकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तानी आर्मी चीफ की मेजबानी की
इस आधिकारिक बयान के सामने आने के बाद बुधवार को पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने वॉशिंगटन में ट्रंप से मुलाकात की है। दोनों ने व्हाइट हाउस में बंद कमरे में मुलाकात की और साथ में कैबिनेट रूम में लंच भी किया। बता दे कि यह पहली बार है जब किसी अमरीकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तानी आर्मी चीफ की मेजबानी की है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली के अनुसार मुनिर ने ट्रम्प को युद्ध रुकवाने का श्रेय दिया था जिसके बाद उनका धन्यवाद करने के लिए ट्रम्प ने उन्हें लंच पर बुलाया।
इधर प्रधानमंत्री मोदी ने बाहरी मध्यस्थता की बात को नकारा
ट्रंप और मुनीर की मुलाकात से कुछ घंटे पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने करीब 35 मिनट तक ट्रंप से फोन पर बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने यह साफ किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों की सेनाओं की आपसी बातचीत से सीजफायर हुआ है और इसमें किसी बाहरी मध्यस्थता का हाथ नहीं है।ट्रंप ने कहा मैं कितने भी युद्ध रोक लूं, मुझे पुरस्करा नहीं मिलेगा
इस नॉमिनेशन पर प्रतिक्रिया देते हुए अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा कि, मैं कितने भी युद्ध रोक लूं, कुछ भी कर लूं, लेकिन मुझे यह पुरस्कार नहीं मिलेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, मुझे अब तक 4-5 बार शांती पुरस्कार मिल जाना चाहिए था, लेकिन वह लोग मुझे यह पुरस्कार नहीं देंगे क्योंकि वह इसे सिर्फ लिबरल्स को देते है। ट्रंप ने यह भी दावां किया कि, उन्होंने भारत – पाक के अलावा रूस-यूक्रेन और ईरान-इजराइल जैसे मुद्दों को सुलझाने में भी अहम भूमिका निभाई है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें यह पुरस्कार नहीं मिलेगा।