जामकरन मस्जिद पर लाल झंडा: बदले का धार्मिक प्रतीक
जामकरन मस्जिद पर लाल झंडा फहराया गया है, जो इजराइल से बदले और न्याय की मांग का प्रतीक है। इससे पहले जनवरी 2020 (जनरल सुलेमानी की हत्या के बाद) और जुलाई 2024 (इस्माइल हानिया की हत्या के बाद) भी इसी तरह का लाल झंडा फहराया गया था।
लाल झंडे की ऐतिहासिक गंभीरता: यह सिर्फ प्रतीक नहीं, संदेश है
ईरान की धार्मिक राजधानी क़ोम में लाल झंडा लहराने की परंपरा है। इसका मतलब है-“अब युद्ध की रणनीति शुरू हो चुकी है।” इस्लामी रिवॉल्यूशन के बाद यह झंडा राजनीतिक संदेश का हिस्सा बन गया है।
आज की कार्रवाई: बदले की घोषणा, ड्रोन हमलों की तैयारी
आज सुबह ईरानी सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनई ने इजराइल को वॉर्निंग दी है कि “अब सजा भुगतने के लिए तैयार रहे।” ईरान ने कहा है कि ओवरऑल मोर्चा तैयार है, और पहले ड्रोन हमले भी जारी हैं।
ओआईसी की इमरजेंसी बैठक (OIC Emergency Meeting)
जॉर्डन, कुवैत, तुर्की, सऊदी अरब, मिस्र, ईरान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश समेत ने 57 मुस्लिम देशों ने एक आपात बैठक की। ओआईसी की इस बैठक में इजराइल से युद्ध रोकने और फिलिस्तीन में तनाव शांत करने की अपील की गई।
सड़कों पर गुस्सा: जॉर्डन, इराक में बड़े प्रदर्शन
जॉर्डन और इराक में सड़कों पर हजारों लोग उतरे, उन्होंने इजराइल के खिलाफ नारेबाजी की और फ़िलिस्तीन के प्रति समर्थन जाहिर किया। वहीं इजराइल से तत्काल युद्ध बंद करने की मांग उठाई गई।
राजनयिक बयान: तुर्की, कुवैत और जॉर्डन की कड़ी चेतावनी
तुर्की के विदेश मंत्री ने कहा कि “इजराइल को इतिहास के सही पक्ष पर होना चाहिए”, जबकि कुवैत ने यरुशलम की हिंसा को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। जॉर्डन ने क्षेत्रीय शांति को असुरक्षित बताया।
इजराइल की प्रतिक्रिया: ऑपरेशन पूरी तरह जारी रहेगा
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि “ऑपरेशन जारी रहेगा, हमें शुरुआत नहीं करनी पड़ी।” उन्होंने कहा कि इजराइल के ऊपर हमला संभवतः रणनीतिक जवाब था और हमला जारी रहेगा।
यह नस्लवादी और इस्लामोफोबिक नीति का हिस्सा
तुर्की के विदेश मंत्री: “जो इजराइल का समर्थन कर रहे हैं, वे इतिहास के गलत पक्ष पर हैं। यह नस्लवादी और इस्लामोफोबिक नीति का हिस्सा है।” अगर ये हमले नहीं रुके तो परिणाम गंभीर होंगे
जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी: “इजराइल के कारण क्षेत्रीय शांति खतरे में है। अगर ये हमले नहीं रुके तो परिणाम गंभीर होंगे।”
हम जवाब पूरी ताकत से देंगे
इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा: “हमने शुरुआत नहीं की, लेकिन हम जवाब पूरी ताकत से देंगे। ऑपरेशन तब तक नहीं रुकेगा जब तक लक्ष्य पूरा न हो जाए।”
जंग के बीच सुलगते सवाल
क्या ईरान सीधे इजराइल पर हमला करेगा या फिर प्रॉक्सी ग्रुप्स (हिज़बुल्ला, हमास, हौथी) के जरिए वार करेगा? इजराइल की अगली सैन्य रणनीति क्या होगी? क्या वह ईरानी ठिकानों पर और हमले करेगा ? अमेरिका और रूस की भूमिका क्या होगी? क्या UN में कोई प्रस्ताव आएगा ? क्या इजराइल के खिलाफ 57 मुस्लिम देशों की रणनीतिक साझेदारी आगे कोई सामूहिक सैन्य कार्रवाई की ओर बढ़ेगी ?
लाल झंडे का धार्मिक-सांस्कृतिक अर्थ
जामकरन मस्जिद पर लाल झंडा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि रणनीतिक और सैन्य ऐलान का प्रतीक बन चुका है। जंग का जियो-पॉलिटिकल प्रभाव
ईरान-इजराइल युद्ध अगर खुल कर होता है, तो यह मध्य-पूर्व में तीसरे विश्व युद्ध जैसे हालात पैदा कर सकता है। साइबर वारफेयर का खतरा
दोनों देशों की खुफिया एजेंसियां एक-दूसरे के साइबर नेटवर्क को टारगेट कर सकती हैं। परमाणु साइट्स को हैक करने की आशंका बढ़ गई है।
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