क्या है यह नया वायरस?
चीन में HKU5-CoV-2 नाम के वायरस की पहचान हुई है। फिलहाल यह वायरस चमगादड़ों में पाया गया है, लेकिन म्यूटेशन के बाद इस वायरस के इंसानों में फैलने का भी खतरा है। HKU5-CoV-2 वायरस MERS (मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) से काफी मिलता है। इस वायरस को वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने पहचाना है। गौरतलब है कि इसी लैब से कोरोना वायरस के फैलने की आशंका जताई जाती है।
फिर आ सकती है गंभीर महामारी!
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस वायरस से एक गंभीर महामारी आ सकती है। अगर यह वायरस इंसाओं में फैल गया, तो इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं। ग्लोबल लेवल पर चमगादड़ों और अन्य वन्यजीवों में पाए जाने वाले वायरस की सीमित निगरानी ही संभव है और इस वजह से नए वायरस का पता लगाना आसान नहीं होता। HKU5-CoV-2 के स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन के ज़रिए इंसानों में फैलने का खतरा है और इसी वजह से वैज्ञानिकों को डर है कि यह भी एक महामारी का रूप ले सकता है। फिलहाल ऐसा होने की पुष्टि नहीं की गई है।
नहीं है कोई वैक्सीन
वैज्ञानिकों के अनुसार HKU5-CoV-2 काफी हद तक MERS से मिलता है। MERS के लिए अलग से कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में HKU5-CoV-2 के लिए भी फिलहाल कोई वैक्सीन उपलब्ध होने की संभावना नहीं है। हालांकि अगर यह वायरस फैला, तो इसकी वैक्सीन और इलाज के दूसरे उपायों पर काम किया जा सकता है।
क्या हो सकते हैं लक्षण?
HKU5-CoV-2 वायरस के इंसानों में क्या लक्षण हो सकते हैं, फिलहाल इस बारे में पुख्ता तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता। हालांकि अगर यह इंसानों में फैला तो इसके लक्षण कोविड-19 और MERS जैसे हो सकते हैं। इनमें बुखार और ठंड लगना, सांस लेने में तकलीफ होना, गले में दर्द होना, निमोनिया होना, किडनी पर असर पड़ना जैसे लक्षण शामिल हैं।