तनाव से सहयोग की ओर बढ़ते कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह तीसरी मालदीव यात्रा है, लेकिन यह विशेष इसलिए है क्योंकि यह उन हालातों में हो रही है जब दोनों देशों के संबंधों में खटास आई थी। मुइज्जू की सरकार ने शुरू में भारत विरोधी बयान दिए और भारतीय सेना की मौजूदगी पर आपत्ति जताई। हालांकि हाल के महीनों में मालदीव ने भारत से रिश्ते सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण मुइज्जू का नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होना था।राजनयिक पटरी पर ऐसे लौटे रिश्ते
जून 2024: मुइज्जू ने मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत कर बताया कि भारत के साथ रिश्तों में सुधार होना चाहिए।बदलाव की शुरुआत कब और कैसे हुई ?
भारत की तरफ से कूटनीतिक धैर्य और समय पर की गई आर्थिक मदद ने मालदीव का नजरिया बदला। भारत ने मालदीव को करोड़ों रुपये की मदद दी, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था को राहत मिली। इससे मुइज्जू सरकार को भारत की उपयोगिता का अहसास हुआ और रिश्तों में सुधार की राह खुली। अब प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा को दोनों देशों के बीच भरोसे की बहाली और सामरिक सहयोग के नए अध्याय के रूप में देखा जा रहा है।‘India‑Out’ रुख का नमूना
2023 में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने ‘India‑Out’ नारा देकर भारत से दूरी बनाने की बात कही थी। उन्होंने भारत से सैन्य हटाने की मांग की और चीन-तुर्की जैसे देशों के साथ साझेदारी बढ़ाने की कोशिश की, जिससे दोनों देशों की कूटनीतिक दूरी बढ़ गई।क्या हुए हैं अब तक समझौते ?
अब तक की बैठकों में रक्षा, समुद्री सुरक्षा, व्यापार, डिजिटल भुगतान (UPI) जैसी अहम चीजों पर चर्चा हुई है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर और टूरिज्म सेक्टर में भी नए समझौते हुए हैं।भारत के लिए मालदीव क्यों है अहम ?
मालदीव हिंद महासागर में भारत की रणनीतिक मौजूदगी के लिए बेहद अहम है। चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारत नहीं चाहता कि मालदीव उसकी रणनीति से बाहर जाए। यही वजह है कि भारत ने संतुलन बनाते हुए रिश्तों को सुधारा और अब दोनों देशों के बीच संबंध फिर से पटरी पर लौट रहे हैं।
भारत-मालदीव रिश्तों का भविष्य : एक नजर
- रणनीतिक साझेदारी और सुरक्षा सहयोग
- आर्थिक और निवेश साझेदारी
मालदीव में डिजिटल ट्रांजैक्शन को मजबूत करने के लिए भारत UPI, RuPay और डिजिटल बैंकिंग मॉडल को पेश करेगा। इससे दोनों देशों के नागरिकों को सीमापार सेवाओं में सहूलियत मिलेगी।