ब्रिटेन में जारी व्हाइट पेपर की मुख्य बातें
◙ ब्रिटेन के नए व्हाइट पेपर में विदेशी केयर वर्कर्स की संख्या घटाने की बात है। भारत के लिए यह विशेष चिंता की बात है, क्योंकि नर्सेज़ के रूप में भारत से सबसे ज़्यादा संख्या में ब्रिटेन में भर्तियां होती रही हैं। ◙ छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के बाद ब्रिटेन में रहने के लिए मिलने वाली अवधि को भी घटाया जा रहा है। भारत समेत कई देशों के नागरिक इससे प्रभावित होंगे। ◙ अब ब्रिटेन में बसने या फिर नागरिकता के लिए जरूरी समय सीमा को 5 साल से बढ़ा कर 10 साल किया जाएगा।
◙ अंग्रेजी भाषा ज्ञान के नियमों को भी सख्त बनाया जा रहा है। वयस्क आश्रितों को भी इसकी बुनियादी समझ दिखानी होगी। बिना अंग्रेजी की जानकारी के ब्रिटिश वीज़ा नहीं मिलेगा।
फ्रांस और जर्मनी में भी सख्ती
फ्रांस (France) के गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलो (Bruno Retailleau) ने भी फ्रेंच नागरिकता प्राप्त करने में सख्ती की सिफारिशें जारी की हैं। नई सिफारिशों के अनुसार, फ्रांस में निवास के पांच वर्षों तक निवास के वैध दस्तावेज होने के बावजूद, अवैध आव्रजन इतिहास के आधार पर किसी भी प्रवासी की नागरिकता अस्वीकार की जा सकती है। वहीं जर्मनी (Germany) में नए चांसलर फेडरिक मर्ज़ (Friedrich Merz) की प्राथमिकता प्रवासियों के अवैध घुसपैठ पर रोक लगाना बना हुआ है। जर्मनी में मंथन हो रहा है कि देश की सीमाओं पर सख्ती के लिए जर्मनी में आपातकाल लगाया जा सकता है।