अमेरिकी प्रशासन ने किया दावा
अमेरिकी प्रशासन ने दावा किया है कि वुहान लैब, जो पहले ही कोविड-19 महामारी के लिए संदेह के घेरे में है, अब भी खतरनाक जैविक अनुसंधान कर रही है। व्हाइट हाउस की आधिकारिक वेबसाइट पर एक पेज के जरिए यह दावा किया गया कि कोविड-19 वायरस की उत्पत्ति वुहान लैब से हुई थी, जिसे पहले साजिश सिद्धांत माना जाता था।
अमेरिका का आरोप
अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA ने हाल ही में अपने एक आकलन में कहा कि कोविड-19 वायरस संभवतः वुहान की रिसर्च लैब से लीक हुआ था। इसके अलावा, 2023 में अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग (HHS) ने WIV को फंडिंग रोक दी थी, क्योंकि लैब ने जैव-सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया और अनुरोधित दस्तावेज साझा करने से इनकार कर दिया।
रिपोर्ट में हुआ था Covid का खुलासा
रिपब्लिकन नेतृत्व वाली एक कांग्रेस कमेटी ने 2024 में अपनी 520 पेज की रिपोर्ट में दावा किया कि कोविड-19 “संभवतः एक प्रयोगशाला या अनुसंधान से संबंधित दुर्घटना” के कारण फैला। यह भी आरोप लगाया गया कि वुहान लैब में चमगादड़ों से प्राप्त कोरोनावायरस पर जोखिम भरे “गेन-ऑफ-फंक्शन” अनुसंधान किए जा रहे थे, जिससे वायरस को और संक्रामक बनाने की संभावना थी।
चीन का जवाब
चीन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे “राजनीतिक हथकंडा” करार दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका बिना सबूत के वुहान लैब को बदनाम कर रहा है। वुहान इंस्टीट्यूट की प्रमुख वैज्ञानिक शी झेंगली, जिन्हें “बैट वूमन” के नाम से जाना जाता है, ने दावा किया कि उनकी लैब में संग्रहीत कोई भी वायरस SARS-CoV-2 का निकटतम रिश्तेदार नहीं है। चीन ने उल्टा अमेरिका पर आरोप लगाया है कि उसने फोर्ट डेट्रिक लैब से वायरस लीक किया, हालांकि इस दावे को कोई वैज्ञानिक समर्थन नहीं मिला है।
वैज्ञानिकों को नुकसान
वैज्ञानिक समुदाय में कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर अभी भी मतभेद हैं। कई वैज्ञानिक मानते हैं कि वायरस का उद्गम प्राकृतिक है, जो चमगादड़ों से अन्य जानवरों के जरिए इंसानों तक पहुंचा, संभवतः वुहान के ह्वानन सीफूड मार्केट से। हालांकि, लैब-लीक थ्योरी को अमेरिका में बढ़ता समर्थन और हाल की गिरफ्तारी ने इस बहस को फिर से हवा दे दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के आरोप वैज्ञानिक सहयोग को नुकसान पहुंचा सकते हैं और भविष्य में महामारी रोकथाम के प्रयासों को कमजोर कर सकते हैं।