क्या है ‘डीप सी माइनिंग’?
मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि ‘डीप सी माइनिंग’ क्या है? समुद्र की गहराई में माइनिंग यानी कि खनन करके खनिजों को निकालना ही ‘डीप सी माइनिंग’ कहलाता है।
समुद्र में किन खनिजों की प्रचुरता?
समुद्र के नीचे कई खनिजों की प्रचुरता है। इनमें कोबाल्ट, निकल, तांबा, ज़िंक शामिल हैं। इन धातुओं का अलग-अलग काम और जगहों पर इस्तेमाल होता है। ऐसे में इनकी काफी अहमियत है। इसके अलावा समुद्र के नीचे सोना, चांदी, हीरा, मैग्नीशियम जैसी धातुएं भी पाई जाती हैं।
चीन किस स्ट्रैटेजी पर कर रहा काम?
फिलहाल चीन ‘डीप सी माइनिंग’ नहीं कर रहा है, लेकिन इस क्षेत्र में अहम स्ट्रैटेजी पर काम ज़रूर कर रहा है। चीन, ऊर्जा संसाधनों का प्यासा है और ऐसे में इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि वो समुद्र की गहराई में खनिजों की तलाश नहीं करेगा। हालांकि चीन इस मामले में टेक्नोलॉजी के लिहाज से काफी पीछे है, लेकिन देश की कई सरकारी और निजी कम्पनियाँ इस क्षेत्र में काम कर रही हैं। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है जिससे खनिजों की ज़रूरत को पूरा करने के साथ ही प्रचुर मात्रा में उन्हें संग्रह भी किया जा सके, जिससे ज़रूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल किया जा सके। ऐसे में चीन ‘डीप सी माइनिंग’ के क्षेत्र में अपनी टेक्नोलॉजी को बेहतर करने की स्ट्रैटेजी पर काम कर रहा है।