बच्चे नहीं, सैनिक मारे गए
सूत्रों के अनुसार बलूचिस्तान में बुधवार को हुए आत्मघाती हमले में बच्चे नहीं मारे गए। दरअसल जिस बस पर हमला हुआ, उसमें बच्चे थे ही नहीं। उस बस में पाकिस्तानी सैनिक थे और हमलों में सैनिकों की ही मौत हुई है। मरने वाले सैनिकों में दो के नाम भी सामने आ गए हैं। मुहम्मद इकबाल और मुहम्मद कादिर नाम के दो पाकिस्तानी सैनिकों के खुजदार में हुए आत्मघाती हमले में मारे जाने की जानकारी सामने आई है।
पाकिस्तानी सेना के झूठ का पर्दाफाश
बलूचिस्तान में बुधवार को हुए आत्मघाती हमले में सैनिकों के मारे जाने की खबर सामने आते ही पाकिस्तानी सेना के झूठ का पर्दाफाश हो गया है। पाकिस्तानी सेना यह नहीं चाहती थी कि सैनिकों के मारे जाने की बात सामने आए, क्योंकि इससे उनकी नाकामी एक बार फिर दुनिया के सामने आ जाती। इसी नाकामी को छिपाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने अफवाह फैलाई कि आत्मघाती हमले में बच्चे मारे गए।
बलूच विद्रोहियों को फिर मिली कामयाबी
बलूचिस्तान में समय-समय पर बलूच विद्रोही, पाकिस्तानी सैनिकों को निशाना बनाते हैं। पिछले कुछ महीनों में इस तरह के हमलों के मामले बढ़े हैं। एक बार फिर बलूच विद्रोहियों को पाकिस्तानी सेना के खिलाफ कामयाबी मिली है।
भारत पर भी लगाया झूठा आरोप
पाकिस्तानी सेना ने भारत पर भी बलूचिस्तान आत्मघाती हमले में शामिल होने का झूठा आरोप लगाया है। हालांकि भारत ने इसे खारिज कर दिया है और इसे बेबुनियाद बता दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने यह भी कहा कि आतंकवाद के हॉटस्पॉट के रूप में पाकिस्तान की दुनियाभर में जो प्रतिष्ठा बनी है, उससे सबका ध्यान हटाने और आतंकवाद को रोकने में अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए पाकिस्तान अपनी आतंकरिक परेशानियों का आरोप भारत पर लगाता है। हालांकि पाक की यह नापाक चाल कामयाब नहीं होगी और दुनिया को धोखा देने की उसकी यह कोशिश नाकाम होगी।