गाजा में चल रहे सैन्य हमलों में नागरिकों की भारी संख्या में मौतें हो रही हैं
ध्यान रहे कि यह बयान ऐसे समय में आया है, जब इजराइली रक्षा बलों की ओर से गाजा में चल रहे सैन्य हमलों में नागरिकों की भारी संख्या में मौतें हो रही हैं। इस बीच, इजराइल के पूर्व आईडीएफ डिप्टी चीफ यायर गोलान ने इजराइल की सैन्य कार्रवाई की कड़ी करने की आलोचना की और इसे “बच्चों को मारने” की कोशिशें बताया। उन्होंने कहा कि इजराइल को एक सभ्य राष्ट्र के रूप में काम करना चाहिए और यह तब तक संभव नहीं है, जब तक कि वे अपने नैतिक मूल्यों को पुनः स्थापित न करें।
फेगलिन के बयान का अंतरराष्ट्रीय समुदाय में विरोध
फेगलिन के बयान ने इजराइल के अंदर और बाहर तीव्र प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। यायर गोलान ने इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन और इजराइल के “मूल्यहीन” नेतृत्व के प्रतीक के रूप में देखा। वहीं, ब्रिटेन ने गाजा में बढ़ती हिंसा के कारण इजराइल के साथ अपनी व्यापारिक वार्ता को निलंबित कर दिया है और इजराइली राजदूत को तलब किया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा कि उन्हें इजराइल की नवीनतम सैन्य कार्रवाई से “गहरी चिंता” है।
शक्तिशाली इजराइली नेतृत्व पर गोलान की तीखी आलोचना
गोलान ने इजराइली नेतृत्व पर आरोप लगाया कि वे सिर्फ बदला लेने की भावना से भरे हुए हैं, और उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति इजराइल के अस्तित्व के लिए खतरे का कारण बन सकती है। गोलान के मुताबिक, “इजराइल एक नैतिक देश के रूप में अपनी पहचान खो रहा है, और यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हमारी आलोचना बढ़ रही है।” गोलान ने कहा कि इजराइल ने अगर यदि अपनी रणनीति में बदलाव नहीं किया तो उसे दक्षिण अफ्रीका की तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहिष्कार का सामना करना पड़ सकता है ।
गाजा संकट: मानवीय सहायता और बढ़ती मौतें
गाजा में वर्तमान संकट ने दुनिया भर में गहरी चिंता पैदा की है। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर के बाद से गाजा में इजराइली हमलों के दौरारन अब तक 53,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने गाजा में बढ़ते मानवीय संकट के बीच राहत सामग्री की आपूर्ति की आवश्यकता पर जोर दिया है। सोमवार को संयुक्त राष्ट्र ने 5 ट्रक गाजा भेजने की अनुमति दी, जिनमें शिशु आहार और चिकित्सा आपूर्ति शामिल थे, लेकिन मानवीय सहायता की यह स्थिति अभी भी संकटपूर्ण बनी हुई है।
इजराइल के नेतृत्व और सैन्य कार्रवाइयों पर रिएक्शन और भविष्य की दिशा
इजराइल के नेतृत्व और सैन्य कार्रवाइयों पर पश्चिमी देशों से बढ़ती अंतरराष्ट्रीय आलोचना यह संकेत देती है कि इजराइल को अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है। खासकर जब आलोचनाएं इस तरह के बयान, जैसे फेगलिन का, सामने आ रही हों, जो इजराइल के नैतिक दावे को चुनौती देती हैं। अब क्या इजराइल अपनी सैन्य नीति में बदलाव लाएगा? या फिर इस सैन्य संघर्ष में गहरे नैतिक संकट का सामना करेगा ? यह सवाल अब वैश्विक चर्चा का हिस्सा बन गया है।