◙ बलूचिस्तान में क्यों हो रहा विरोध प्रदर्शन?
बलूचिस्तान में बलूच यकजेहती समिति के कार्यकर्ता और नेता, पाकिस्तानी सरकार के एक बड़े फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दरअसल इज़रायल-ईरान युद्ध (Israel-Iran War) के दौरान पाकिस्तानी सरकार के अब्दोही बॉर्डर (Abdohi Border) को ब्लॉक करने के फैसले के खिलाफ बलूच लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। युद्ध खत्म हो चुका है, लेकिन बॉर्डर अभी भी बंद है।
◙ खराब मौसम में भी लोग कर रहे विरोध प्रदर्शन
बलूच यकजेहती समिति के इस विरोध प्रदर्शन में बलूचिस्तान की सामान्य जनता, व्यापारी, कर्मचारी, ड्राइवर्स और अन्य कई पेशों के लोग शामिल हैं। बलूचिस्तान में खराब मौसम होने के बावजूद ये लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ◙ प्रांत की स्थिति के लिए ठहराया जा रहा सरकार को ज़िम्मेदार
अब्दोही बॉर्डर को ब्लॉक करने की वजह से बलूचिस्तान में खाद्यान्न की कमी, पेट्रोल-डीज़ल की सप्लाई में देरी से कीमत का बढ़ना, बेरोजगारी का जोखिम, ईरान से मंगाने वाले सामान का बॉर्डर पर अटकना, बिजली की समस्या, व्यापार पर असर जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है, जिसके लिए प्रदर्शनकर्ता, पाकिस्तानी सरकार को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं।
◙ संपन्न होने के बावजूद क्यों पिछड़ा हुआ है बलूचिस्तान?
बलूचिस्तान, प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है। प्रांत में गैस, खनिज और तटीय परिसंपत्तियों जैसे प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में हैं। इसके बावजूद बलूचिस्तान, पाकिस्तान के सबसे गरीब, अविकसित और पिछड़े हुए क्षेत्रों में से एक है। ऐसे में मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि इसके पीछे क्या वजह है? दरअसल बलूचिस्तान की खराब स्थिति की ज़िम्मेदार पाकिस्तानी सरकार और सेना है। लंबे समय से पाकिस्तानी सेना की तरफ से बलूचिस्तान की उपेक्षा की जा रही है और उसके प्राकृतिक संसाधनों का अन्य प्रांतों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं पाकिस्तानी सेना के अत्याचार और बलूचों का शोषण भी प्रांत के पिछड़ेपन की बड़ी वजह है।