देवनगर निवासी अमितनाथ मिश्रा, जो पिछले 17 सालों से बेंगलुरु की इस पान मसाला कंपनी में मार्केटिंग का काम कर रहे थे, 20 मई को अपने कानपुर स्थित घर लौटे थे। शनिवार रात को उन्होंने फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। घटना के समय उनकी पत्नी अनुजा और बच्चे पूर्वी और देवांश मायके में थे।
अमितनाथ ने अपने दो पन्नों के सुसाइड नोट में कंपनी के अधिकारियों – शशांक शुक्ला, पंकज भदौरिया, किशन तिवारी और नितेश शुक्ला पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने लिखा है कि इन अधिकारियों ने उन पर झूठे आरोप लगाकर नौकरी से निकाल दिया और जब उन्होंने अपनी आवाज़ उठाई तो उसे दबा दिया गया। अमितनाथ ने आगे लिखा कि जब उन्होंने अपनी बकाया सैलरी मांगी, तो उन्हें प्रताड़ित किया जाने लगा और विरोध करने पर जूते साफ करवाने तक की धमकी दी गई। ‘उन लोगों ने मुझे इतना परेशान किया कि मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। इसमें मेरे परिवार का कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें अनावश्यक परेशान न किया जाए,’ उन्होंने अपने नोट में लिखा।
जब अमितनाथ के पिता शनिवार रात को ड्यूटी से घर लौटे, तो उन्होंने अपने बेटे को कमरे में चादर के फंदे से लटका पाया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। घटनास्थल से सुसाइड नोट बरामद किया गया है।
परिजनों ने बताया कि अमितनाथ की नौकरी अप्रैल में छूट गई थी, जिसके बाद वह घर आकर रहने लगा था, लेकिन उसने इस बारे में किसी को नहीं बताया था। चार दिन पहले उसकी पत्नी बच्चों को लेकर मायके चली गई थी। शनिवार को पिता काम पर चले गए और अमितनाथ घर पर अकेला था, तभी उसने यह दुखद कदम उठा लिया। पुलिस का कहना है कि परिजनों की ओर से तहरीर मिलने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।