आइए जानते हैं कि कैसे होती थी ठगी
पुलिस के अनुसार जब पकड़े गए इस गैंग के सदस्यों से पूछताछ की गई तो इन्होंने बताया कि, ”हम लोग अमेरिका के लोगों के कंप्यूटर सिस्टम पर एक वायरस ग्रस्त POP UP मैसेज भेजते थे। इसके बाद फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से ए उन्हे सपोर्ट देते थे। इसी दौरान एक एप्लीकेशन उनके सिस्टम में डालकर सिस्टम का पूरा एक्सेस ले लेते थे और फिर सिस्टम से उनके बैंक खाते की पूरी जानकारी को जान लेते थे। इसके बाद 300 डॉलर और 900 डॉलर ट्रांजक्शन करते थे और इन लोगों के बैंक खाते से पैसा निकाल लेते थे।
कस्टमर को फंसाने के लिए दी जाती थी अमेरिकन लैंग्वेज में स्क्रिप्ट
आप सोच रहे होंगे कि भारत के एक छोटे से शहर में बैठकर ये लोग अमेरिकी लोगों के कैसे फंसाते थे ? इस बारे इन लोगों ने पुलिस को बताया कि ”विदेशी कस्टमर एप्लीकेशन के माध्यम से अमेरिका के लोग हमें कॉल करके बताते थे कि उनके कंप्यूटर सिस्टम में एक POPUP मैसेज प्राप्त हुआ है। इसके बाद से उनके कम्प्यूटर में वायरस होने की सूचना मिल रही है।इसके बाद हमारा असली काम शुरू होता था और हम लिखी लिखाई एक स्क्रिप्ट के अनुसार विदेशी नागरिक को वायरस ठीक करने का आश्वासन देते थे। इन्होंने बताया कि इस तरह काफी लोगों के साथ ठगी कर ली। जो लोग पकड़े गए हैं वो सभी भारत देश से बाहर के रहने वाले हैं। एसपी देहात सागर जैन ने बताया कि एक होटल में कुछ विदेशी लोगों के रुके हुए होने की सूचना मिल रही थी। इस सूचना पर छापेमारी की गई तो पता लगा कि ये लोग फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर रहे हैं। सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है।