उत्तर प्रदेश के उन्नाव के जिलाधिकारी गौरांग राठी ने नगर पालिका परिषद उन्नाव के 82 और गंगा घाट नगर पालिका के 52 नालों के निरीक्षण के आदेश दिए हैं। इनके लिए अलग-अलग अधिकारियों की भी नियुक्ति की गई है। बारिश के दौरान पूरा शहर पानी-पानी हो जाता है। जल भराव से प्रशासन की काफी किरकिरी होती है। जिलाधिकारी आवास के सामने की सड़क भी बारिश लबालब भर जाता है। जबकि बारिश के पहले प्रतिवर्ष नालों की सफाई होती है।
15 जून तक होनी है सफाई
नगर पालिका उन्नाव में 15 जून तक नालों की सफाई का लक्ष्य दिया गया था। नगर पालिका क्षेत्र में नाले की लंबाई लगभग 22 किलोमीटर है। जिनमें 76 नालों की सफाई होनी है। नालों की सफाई का कार्य मार्च में शुरू किया गया था और दावा किया गया था कि 80 प्रतिशत नालों की सफाई पूरी हो चुकी है। नगर पालिका के दावों की हकीकत जानने के लिए जिलाधिकारी ने जनपद स्तरीय अधिकारियों को स्थलीय निरीक्षण के आदेश दिए हैं।
लंबे नालों को टुकड़ों में विभाजित किया गया
नगर पालिका क्षेत्र के प्रमुख नालों में लखनऊ कानपुर राजधानी मार्ग के दोनों तरफ के नाले शामिल है। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी आवास, प्रकाश गेस्ट हाउस, जीनाथजी इंटर कॉलेज होते हुए कल्याणी देवी मंदिर तक जाने वाला नाला, हरदोई रोड जेल ड्रेन आदि नालों का भी स्थलीय निरीक्षण होगा। इन नालों की लंबाई को टुकड़ों में विभाजित करके निरीक्षण कराया जा रहा है। कई जनपद स्तरीय अधिकारियों को एक से अधिक टुकड़े निरीक्षण के लिए आवंटित किए गए हैं।
नगर पालिका के अधिकारियों और कर्मचारी को भी लगाया गया
जिलाधिकारी ने जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों को भी लगाया है। जो निरीक्षण के दौरान उनके साथ रहेंगे इनमें भी कर अधीक्षक, सहायक अभियंता, अवर अभियंता जल, अभियंता सिविल आदि शामिल है।