सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि रामपुर बाग और ट्यूलिया जैसे इलाकों में अब जमीन के सर्किल रेट लखनऊ के गोमतीनगर और दिल्ली एनसीआर के गाजियाबाद (इंदिरापुरम) जैसी विकसित कॉलोनियों की बराबरी करने लगे हैं। कहीं-कहीं तो इनसे आगे भी निकल गए हैं।
रामपुर बाग सबसे महंगा
शहर का सबसे महंगा रिहायशी क्षेत्र बन चुका रामपुर बाग, जहां सर्किल रेट ₹59,000 से बढ़ाकर ₹70,500 प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है। यानी बरेली के रामपुर बाग में जमीन खरीदना अब राजधानी लखनऊ या दिल्ली एनसीआर के कुछ हिस्सों से महंगा हो चुका है।
ट्यूलिया की कृषि भूमि अब 2.4 करोड़ प्रति हेक्टेयर
ट्यूलिया, घंतिया और हमीरपुर जैसे अर्द्धनगरीय गांवों के सर्किल रेट में 8 वर्षों बाद भारी इजाफा किया गया है। ट्यूलिया रोड पर कृषि भूमि, 2.40 करोड़ प्रति हेक्टेयर आबादी से सटी जमीन: ₹2.15 करोड़ सामान्य कृषि भूमि: ₹1.80 करोड़ यह बढ़ोतरी 2017 से लंबित थी। मनौना धाम और सैटेलाइट टाउन के विकास के चलते यहां की मांग तेज हुई है।
सिविल लाइंस, मॉडल टाउन, महानगर कालोनी में भी उछाल
क्षेत्र पुराना रेट (₹/वर्ग मी.) नया रेट (₹/वर्ग मी.) सिविल लाइंस ₹59,000 ₹70,500
मॉडल टाउन ₹52,000 ₹64,000
महानगर कॉलोनी ₹43,000 ₹51,500
आशीष रॉयल पार्क ₹35,000 ₹42,000
राधेश्याम इन्क्लेव ₹53,500 ₹64,000
रोड सेगमेंट महंगे, 99 हजार प्रति वर्ग मीटर तक पहुंची दरें
बरेली के प्रमुख व्यावसायिक मार्ग जैसे अयूब खां-नावल्टी, चौकी चौराहा-गांधी उद्यान, बरेली जंक्शन-कलेक्ट्रेट रोड पर जमीन की कीमतें ₹99,000 प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच गई हैं। लखनऊ के हजरतगंज और दिल्ली के करोलबाग क्षेत्र में ये दरें लगभग बराबर या इससे थोड़ी अधिक हैं, जिससे बरेली अब रियल एस्टेट के नक्शे पर प्रमुखता से उभर रहा है।
13 आपत्तियों का हुआ निस्तारण, अधिकांश खारिज
बैठक में कुल 13 आपत्तियां आईं, जिनमें अधिकतर को खारिज कर दिया गया। भूड़ निवासी बीपी चौधरी ने 1.5 करोड़ प्रति हेक्टेयर दर की मांग की, जिसे तर्कसंगत नहीं माना गया मथुरापुर, खड़ौआ और विमको फैक्ट्री रोड की दरें कम करने की मांगें खारिज ट्यूलिया के 89 किसानों की सामूहिक मांग पर दरें बढ़ाई गईं