इस बार अत्यंत दुर्लभ और शुभ संयोग
इस बार ऐसी कोई स्थिति नहीं होगी। अत: बहनें दिनभर रक्षा सूत्र बांध सकती हैं। इतना ही नहीं इस बार यह ग्रह-नक्षत्रों की दृष्टि से अत्यंत दुर्लभ व शुभ संयोग वाला दिन रहेगा। ऐसा संयोग करीब 297 वर्ष पूर्व 1728 में बना था। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया, इस दिन सूर्य कर्क, चंद्र मकर, मंगल कन्या, बुध कर्क, गुरु और शुक्र मिथुन, राहु कुंभ तथा केतु सिंह राशि में रहेंगे।
2022 में रात 8.30 बजे बाद बांधी गई राखी
2020, 22 और 2024 में रक्षाबंधन पर भद्रा की स्थिति रही है। 2022 में तो भद्रा के चलते रात 8.30 बजे बाद राखी बांधी गई थी। 2021 व 2023 में भद्रा का प्रभाव नहीं रहा।
शनिवार, श्रवण और शनि का त्रिवेणी योग
नौ अगस्त शनिवार को श्रवण नक्षत्र रहेगा। इस दिन चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे, जिसकी स्वामिनी शनि है और शनिवार का स्वामी भी शनि है। श्रवण नक्षत्र स्वयं शनि की राशि में आता है। शास्त्रों के अनुसार श्रवण नक्षत्र के अधिपति विष्णु हैं जबकि सौभाग्य योग के अधिपति ब्रह्मा हैं। अत: यह पर्व ब्रह्मा-विष्णु की साक्षी में सम्पन्न होगा, जो इसे आध्यात्मिक दृष्टि से और पावन बना देता है।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Rakhi Bandhne ka Shubh Muhurat)
इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं है। वहीं दुर्लभ और शुभ संयोगों के कारण, इस बार पूरा दिन शुभ है, बहनें पूरा दिन अपने भाई को राखी बांध सकती हैं।