सड़क पर उतरे रहवासी, कहा- घर उजड़वाकर नहीं चाहिए विकास
बुधवार को बड़ी संख्या में रहवासी क्षेत्र में जमा हुए और मार्ग को सिक्सलेन करने पर आपत्ति जताई। रहवासियों का कहना था कि वे विकास व चौड़ीकरण कार्य का विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन इसे सिक्सलेन न बनाया जाए। यदि मार्ग को सिक्सलेन किया गया तो अधिकांश रहवासियों के घर-दुकान पूरी तरह टूट जाएंगे और वे बेघर-बेरोजगार हो जाएंगे। प्रदर्शन के दौरान रहवासियों ने मुयमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
20-20 फीट जगह देने को तैयार निवासी
इससे पहले, वे सांसदों, विधायकों, अखाड़ों के साधु-संतों से भी गुहार लगा चुके हैं। क्षेत्रीय पार्षद हेमंत गहलोत ने बताया कि जनता की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से भी बातचीत की जा रही है। सिक्स लेन के लिए सड़क 45 मीटर चौड़ी बनाई जाएगी। निवासियों के अनुसार, सड़क अभी 60 फीट चौड़ी है। ऐसे में अगर सड़क को 45 मीटर चौड़ा किया जाता है, तो सड़क के दोनों ओर से लगभग 50-50 फीट की इमारतें गिराई जाएँगी। इलाके में ज़्यादातर इमारतें 45-50 फीट चौड़ी हैं। ऐसे में अगर सिक्स लेन बनती है, तो पूरे के पूरे मकान और दुकानें गिरा दी जाएँगी। इस योजना से लगभग 650 इमारतें प्रभावित हो रही हैं। निवासियों का कहना है कि सड़क के दोनों ओर 20-20 फीट जगह ली जाए। इससे सड़क 100 फीट चौड़ी हो जाएगी और निवासियों के पास 30-30 फीट के मकान भी बचेंगे।
क्षेत्र में भाजपा का प्रभाव अधिक
योजना के बाद स्थिति को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है। दरअसल क्षेत्र में लंबे समय से भाजपा का प्रभाव है। सिक्सलेन के प्रभावित क्षेत्र में ही वर्तमान व पूर्व जनप्रतिनिधि और संगठन के पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं के घर और दुकानें हैं।