डीएल के अभाव में 5 हजार तक जुर्माना
पंजीकृत वाहनों में से छात्राएं और कामकाजी महिलाएं ही लाइसेंस बनवाती हैं। अधिकांश तो ऐसी भी हैं, जो महज वाहन की मालिक हैं। परिवहन अधिकारियों के अनुसार, बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर अधिकतम 5 हजार का जुर्माना है। यदि चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस डीएल नहीं है तो दुर्घटना होने की स्थिति में बीमा क्लेम नहीं मिलता है।
प्रतिवर्ष 1.05 लाख नए वाहन होते हैं रजिस्टर्ड
जिले में प्रतिवर्ष करीब 1.05 हजार चारपहिया और दोपहिया वाहन रजिस्टर्ड होते हैं। इनमें 25 से 30 फीसदी वाहन महिलाओं के नाम वाहन रजिस्टर्ड करवाते हैं, लेकिन लाइसेंस नहीं बनवाते। प्रतिदिन बनने वाले लगभग 130 लाइसेंस में से महिलाओं की संया 26 के आसपास रहती है। लाइसेंस के अभाव में घटना दुर्घटना होने और टैक्स चोरी के समय इन महिलाओं को ढूंढना मुश्किल होता है।
यह है स्थिति
-4.82 लाख कुल वाहन उदयपुर शहर में रजिस्टर्ड
-95,670 वाहन प्रतिवर्ष जिले में होते हैं रजिस्टर्ड
-आधे वाहन अवधि पार होकर डेथ घोषित कर दिए जाते हैं
एक वर्ष में बने इतने लाइसेंस
वर्ग-दोपहिया वाहन-चारपहिया वाहन
पुरुष-17452-16559
महिला-3951-3254
जो भी महिलाएं व्हीकल चलाना जानती हैं, वो अपना लाइसेंस जरूर बनवाएं। व्हीकल खरीद के समय ही लाइसेंस के लिए हाथों-हाथ आवेदन करें। ताकि भविष्य में उन्हें कोई परेशानी न हो। दुर्घटना के ऐसे कई मामले भी सामने आते हैं, जिसमें वाहन मालिक के रूप में महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई होती है।
कोई भी व्हीकल खरीद के लिए लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन उस व्हीकल से दुर्घटना हो जाए तो वाहन मालिक पर मुकदमा दर्ज होता है। बीमा नहीं होने व लाइसेंस नहीं होने पर वाहन मालिक भी जिम्मेदार होता है। ऐसी स्थिति में महिला हो या पुरुष उन्हें व्हीकल खरीद के साथ ही लाइसेंस अनिवार्य रूप से बनवाना चाहिए।
-पराग अग्रवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता