script‘बाबू’ को तनिक भी तरस न आई…4 हजार PF की राशि निकालने के लिए 1 हजार घूस ले लिया था, अब जेल की रोटी तोड़ेगा | Udaipur Clerk Jailed for One Year Fined 20000 for Taking 1000 Bribe to Release 4000 PF Amount | Patrika News
उदयपुर

‘बाबू’ को तनिक भी तरस न आई…4 हजार PF की राशि निकालने के लिए 1 हजार घूस ले लिया था, अब जेल की रोटी तोड़ेगा

Udaipur News: उदयपुर जिले में एक ‘बाबू’ को तनिक भी तरस न आई। बाबू ने पीएफ की चार हजार रुपए निकालने की एवज में एक हजार रुपए रिश्वत ले लिया था। फिलहाल, अब एसीबी कोर्ट ने 20 हजार रुपए जुर्माना सहित एक साल जेल की सजा सुनाई है।

उदयपुरJun 26, 2025 / 09:51 am

Arvind Rao

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रिश्वतखोर बाबू को हुई जेल (पत्रिका फाइल फोटो)

Udaipur News: उदयपुर: पीएफ राशि के महज चार हजार रुपए देने की एवज में एक हजार की रिश्वत मांगने वाले वरिष्ठ लिपिक को न्यायालय ने एक वर्ष की कैद और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। एसीबी उदयपुर की टीम ने गत 20 मार्च 2009 को क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय चित्रकूटनगर के तत्कालीन वरिष्ठ लिपिक (सीनियर सामाजिक सुरक्षा सहायक) बिछीवाड़ा डूंगरपुर निवासी मोहनलाल पुत्र भूरा यादव को हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी शिवाजी नगर (डूंगरपुर) निवासी रितेश पुत्र प्रकाशचंद्र शर्मा से एक हजार रुपए रिश्वत लेत पकड़ा था।

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बता दें कि आरोप पत्र पेश होने पर विशिष्ट लोक अभियोजक राकेश मित्तल ने आवश्यक साक्ष्य और दस्तावेज पेश किए। आरोप सिद्ध होने पर एसीबी न्यायालय संख्या-2 के पीठासीन अधिकारी संदीप कौर ने आरोपी मोहनलाल को भ्रष्टाचार की दो अलग-अलग धाराओं में एक-एक वर्ष की कैद व 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
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न्यायालय ने निर्णय के दौरान कड़ी टिप्पणी करते हुए लिखा कि वर्तमान समय में लोकसेवकों द्वारा अपने लोक कर्तव्यों का निर्वहन न कर भ्रष्ट आचरण अपनाने की दिनों दिन बढ़ती प्रवृति को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त को उक्त दोषसिद्ध आरोपों में दंडित किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है।


यह था पूरा मामला


परिवादी डूंगरपुर निवासी रितेश शर्मा ने 19 मार्च 2009 को एसीबी उदयपुर के एएसपी दिलीप सिंह चुण्डावत को रिपोर्ट दी। बताया कि वह संत पैट्रिक माध्यमिक विद्यालय डूंगरपुर में शारीरिक शिक्षक के पद पर 26 जून 2005 से 30 अप्रैल 2006 तक विद्यालय में कार्यरत रहा। इस अवधि में उसकी पीएफ राशि करीब चार हजार रुपए जमा हुए थे। उक्त राशि का चेक प्राप्त करने के लिए वह पीएफ कार्यालय भुवाणा में 10-12 दिन पहले गया।


कार्यालय में मांगी रिश्वत


वहां लिपिक मोहनलाल यादव ने उक्त कार्य के लिए एक हजार रुपए रिश्वत मांगी। उसने यह राशि ज्यादा होना बताया तो मोहनलाल ने कहा कि यह तो देनी ही पड़ेगी। परिवादी का कहना है कि उसने डूंगरपुर में ही 27 जुलाई 2006 से 14 अगस्त 2008 तक शारीरिक शिक्षक के रूप में कार्य किया, उक्त अवधि की पीएफ राशि का चेक भी उसे पीएफ कार्यालय से प्राप्त करना है, इसके लिए भी वे मोहनलाल के पास जाएगा तो वो अलग से पैसे मांगेगा। पीएफ कार्यालय में बिना लिए किसी का कोई कार्य नहीं किया जाता है। सत्यापन पुष्टि के बाद एसीबी ने आरोपी को ट्रैप कर लिया था।

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