ग्रामीणों का कहना है कि योजना के तहत उस समय प्रत्येक कनेक्शन के लिए लगभग 300 रुपए लिए थे। ठेकेदार ने कहीं तो नल कनेक्शन कर दिए और कहीं पर बाकी है। कई जगह ऐसी भी है, जहां पाइप लगाया तो कहीं प्लास्टिक के पाइप पड़े हुए है। काम अधूरे होने से आमजन को अभी तक पेयजल नहीं मिल पाया है। ऐसे में मजबूरन निजी ट्यूबवेल व कुएं से पानी लाना पड़ रहा है। सरकार ने योजना के तहत लाखों की लागत से टंकी का निर्माण तो कर दिया, लेकिन आज तक आमजन के घर-घर तक पानी नहीं पहुंचा पाई। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल है।
गांव के गोदा डांगी, प्रकाश डांगी, सूरज मेघवाल, राधा मेघवाल व सकूडी डांगी ने बताया कि आज दिन तक नलों में पानी नहीं आया है। डेढ़ साल पहले कूण के केलवा, प्रतापगढ़ की भागल व बेडासोटा में ग्रामीण जल योजना की टंकियां बनी हुई है। केलवा गांव में लगभग 70 से 80 घरों की बस्ती है, जहां 75 प्रतिशत कनेक्शन दिए है, 25 प्रतिशत कनेक्शन बाकी है। चार-पांच महीने से वहां पर भी पानी नहीं आ रहा है।
वार्डपंच लक्ष्मण मीणा व रामलाल मीणा ने बताया कि गर्मी के चलते पानी की समस्या शुरू हो गई है। कुएं में भी पानी नहीं बचा है। सप्लाई भी नहीं हो रही है। इधर, कालबेलिया बस्ती में सोलर पनघट लगा हुआ है, जहां मोटर चोरी हो गई, ऐसे में अभी तक जलापूर्ति शुरू नहीं हो पाई। प्रतापगढ़ की भागल में 70 घरों की बस्ती है। हैंडपंप में भी रुक-रुक कर पानी आने से समस्या बनी हुई है। गांव के हरीश मीणा, अणदाराम मीणा, धर्मा मीणा, पाला मीणा, पप्पूलाल मीणा, गंगाराम मीणा सहित ग्रामवासियों ने समस्या के समाधान की मांग की है।
इनका कहना है…
मानपुरियों का गुड़ा गांव के कुएं व ट्यूबवेल में पानी नहीं है। बारिश भी बराबर हो नहीं रही है। नई ट्यूबवेल की जल्द व्यवस्था करते है। -युवराज सिंह, जेईएन, जलदाय विभाग प्रतापगढ़ की भागल, बेडासोटा व केलवा के लिए ट्यूबवेल का प्रस्ताव भेज दिया है। अभी कुओं में पानी नहीं है। -धर्मचंद मीणा, प्रशासक, कूण पानी की समस्या के लिए जलदाय विभाग को अवगत कराया है। टंकी बनाई गई, लेकिन आज दिन तक पानी नहीं आया।
-लालू राम मीणा, समाजसेवी