शव को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा
जानकारी के मुताबिक प्रारंभिक जांच में पुष्टि हुई कि आशीष ने फांसी लगाकर जान दी। पुलिस के अनुसार, सुबह जब परिजनों ने आशीष को घर में नहीं देखा तो उनकी तलाश शुरू की गई। तलाश के दौरान उन्हें एक कमरे में फांसी के फंदे पर लटका पाया गया। पुलिस ने मौके पर पंचनामा कर शव को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा। अंबामाता थाना अधिकारी ने बताया कि कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन आशीष का मोबाइल और अन्य सामान जांच के लिए जब्त किया गया है। आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है।
वहीं, स्थानीय लोगों और रिश्तेदारों का कहना है कि आशीष पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में थे, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच के नतीजों का इंतजार कर रही है, जिससे आत्महत्या के कारण स्पष्ट हो सकें।
कौन थे महावीर भगोरा?
महावीर भगोरा उदयपुर की राजनीति का जाना-माना नाम थे। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे महावीर ने विधायक, राज्य मंत्री और सांसद के रूप में लंबा राजनीतिक सफर तय किया था। हालांकि, उनका नाम 2008 के ‘वोट के बदले नोट’ कांड में भी सामने आया था, जब संसद में एक करोड़ रुपये लहराने की घटना ने देशभर में सनसनी मचा दी थी। इस मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। राजनीति में आने से पहले वे समाज कल्याण विभाग में डिप्टी डायरेक्टर थे। 1991 में उन्होंने सलूंबर से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। बाद में 1993 में गोगुंदा से विधायक बने और भैरोसिंह शेखावत सरकार में राज्य मंत्री रहे।
आसपास के इलाकों में शोक की लहर
चार साल पहले कोरोना संक्रमण के कारण महावीर भगोरा का निधन हो गया था। उनके निधन के बाद आशीष ही परिवार की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उनकी आत्महत्या की खबर से एकलव्य कॉलोनी और आसपास के इलाकों में शोक की लहर है। बड़ी संख्या में लोग भगोरा परिवार के प्रति संवेदना जताने पहुंच रहे हैं। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने और फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही मामले की पूरी तस्वीर साफ होगी।