दरअसल, कृषि विभाग ने पहले किसानों की फसल बीमा के लिए कंपनी को बदल दिया है। पहले वाली कंपनी अपने स्तर पर सर्वे कर किसानों को मुआवजा उपलब्ध कराती थी। लेकिन दो साल पहले किए बदलाव के बाद कंपनी ने अतिवृष्टि क्षेत्र में सर्वे तक नहीं किया। इससे अंबापुरा, गोलीपुरा व धानोता समेत अन्य गांवों के सैकड़ों किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है। किसान अब सरकार तथा जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि वे किसानों को अतिवृष्टि का मुआवजा दिलाए।
किसान बद्री पटेल, रामबिलास जोशी, छीतरलाल, रामनारायण, भंवर खां समेत अन्य ने बताया कि अंबापुरा, गोलीपुरा व धानोता के खेतों में मूंग, ज्वार, बाजरा व मक्का की फसल थी। बरसात से कई दिनों तक खेतों में पानी रहा था। इससे फसल नष्ट हो गई। पहले जो कंपनी थी वो अपने स्तर पर सर्वे करा मुआवजा देती थी। लेकिन बाद में जिस कंपनी को बीमा के लिए अधिकृत किया। उसने किसानों की सुध नहीं ली। इससे किसान चिंतित है। इन तीन गांवों के करीब ८५० किसान चिंतित है।
प्रशासन ने जारी किया था अलर्ट
गत वर्ष अधिक बरसात होने पर जिला प्रशासन को अलर्ट जारी करना पड़ा था। स्कूलों में अवकाश घोषित किए थे। मालपुरा, पीपलू और टोडारायसिंह क्षेत्र के कई गांवों का संपर्क टूट गया था। कई मकान गिर गए थे। ऐसे में खेतों में खड़ी फसल भी बरसात की चपेट में आ गई थी। लेकिन उनकी सुध अब तक नहीं ली गई है। किसानों की गिरदावरी रिपोर्ट कराई थी। मुआवजे के लिए भेज दी थी। जल्द ही किसानों को मुआवजा मिल जाएगा। रामसिंह, गिरदावर मालपुरा