उद्यान विभाग की टीम ने जिले में टिश्यू कल्चर खजूर के पौधों की गुणवत्ता जांची
-खजूर के टिश्यू कल्चर पौधों में जीन की भिन्नता, किसानों को आर्थिक नुकसान


- श्रीगंगानगर.श्रीगंगानगर सहित राज्य के कई जिलों में खजूर के टिश्यू कल्चर पौधों की खरीद के बाद अब किसानों को बड़ा झटका लगा है। किसानों को प्राप्त खजूर के पौधे पुष्पन (फूल) के दौरान मादा (फीमेल) के बजाय नर (मेल) पौधे निकलने लगे हैं। इस जेंडर परिवर्तन से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। खजूर उत्पादक किसानों का आरोप है कि उद्यान विभाग ने संबंधित फर्म नेकोफ और एनएफसीडी को जिम्मेदार ठहराया है लेकिन अभी तक न तो पौधों का पुन: वितरण करवाया है और ना ही नुकसान की भरपाई करवाई है।
उद्यान विभाग की टीम ने की जांच,जीन विविधता पाई
- सूरतगढ़ और रायसिंहनगर सहित विभिन्न गांवों में उद्यान विभाग की टीम ने 14 से 21 मई 2025 के बीच खजूर की बागवानी में लगाए गए पौधों की विस्तृत जांच की। टीम में सहायक निदेशक कविता, कृषि अधिकारी अभिमन्यु गोदारा, वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक प्रेम कुमार और अजय कुमार शामिल थे। जांच के दौरान कुल 10 खेतों में खजूर के पौधों का निरीक्षण किया गया। इन खेतों में कुल 2,200 से अधिक पौधे शामिल थे। जांच में पाया गया कि टिश्यू कल्चर से विकसित इन पौधों में ऑफ टाइप या आनुवंशिक भिन्नता पाई गई, जो पौधों की जीन विविधता को दर्शाता है।
आयुक्त ने किया संबंधित फर्म से पत्राचार
- उद्यान आयुक्त सुरेश कुमार ओला ने फर्म को अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने के कारण कार्रवाई की चेतावनी दी है। साथ ही विभाग ने संबंधित फर्म से बार-बार पत्राचार कर पौधों की गुणवत्ता की जांच करने और किसानों के नुकसान की भरपाई करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि पौधों का जेंडर बदलने का मामला जीन भिन्नता और आनुवांशिक विविधता से जुड़ा है, जो टिश्यू कल्चर की प्रक्रिया में ही देखने को मिला है। इसलिए जिन किसानों के पौधे खराब हुए है इनको अच्छी गुणवत्ता के टिश्यू कल्चर खजूर के पौधे उपलब्ध करवाए जाएं।
रिपोर्ट भिजवाई
- किसानों की शिकायत मिलने पर टिश्यू कल्चर खजूर की पौधों की जांच कर आयुक्तालय उद्यान को रिपोर्ट भिजवाई है। जल्द ही संबंधित फर्म के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- –प्रीति बाला,उप निदेशक,उद्यान विभाग,श्रीगंगानगर।
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