भारत-पाक सीमा पर तनाव के बीच गांव रोहिड़ावाली के बुजुर्ग ओमप्रकाश का देशभक्तिका जज़्बा
– 1965 और 1971 की युद्ध की यादें ताजा,गांववासी सीमावर्ती क्षेत्र में दृढ़ता से खड़े
-आधुनिक संचार माध्यमों का भरोसा कम,पर देशभक्ति का जुनून अधिक


- श्रीगंगानगर.भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव के बीच उत्तर पश्चिमी राजस्थान के गांव रोहिड़ावाली में देशभक्ति का जज्बा अभी भी कायम है। इसी गांव के बुजुर्ग ओम बिश्नोई(७० वर्ष) जो 1965 और 1971 की लड़ाइयों के साक्षी रहे हैं। बिश्नोई ने कहा “सीमा पर तनाव है,लेकिन देशभक्ति का उत्साह कभी कम नहीं हुआ। किसान और जवान हर परिस्थिति में देश के साथ खड़े हैं।”
…तब गांव खाली करवाए,लेकिन हमारे गांव को कुछ नहीं हुआ
- उन्होंने बताया कि 1965 और 1971 के युद्ध के समय सीमा क्षेत्र के गांव खाली करवा दिए गए थे। तब गांव के लोग अपने पशु और सामान लेकर तीन एलएनपी चले गए थे। हालांकि नग्गी व पंजाब बोर्ड की तरफ हमला हुआ था,लेकिन सरहद पर अब हालात सामान्य हैं,लेकिन उस समय का डर आज भी ताजा है। इन दिनों सीमा पर तनाव की खबरें टीवी और सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही हैं। हालांकि,ग्रामीण इन पर अधिक भरोसा नहीं करते। उनका मानना है कि असली देशभक्ति तो खेतों में मेहनत करने और अपने परिवार का पालन-पोषण करने में है।
कारगिल युद्ध हुआ था,तब भी सीमा पर तनाव
- गांव के गुवाड़ में बुजुर्ग और युवा मिलकर युद्ध की कहानियां सुनाते हैं। गांव के युवा संदीप कुमार ने बताया कि जब कारगिल युद्ध हुआ था,तब भी सीमा पर तनाव की वजह से गांव को खाली करवाना पड़ा था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अब भी गांव में शाम सात बजे के बाद ब्लैक आउट और हाई अलर्ट हो जाता है। ग्रामीणों को आशंका है कि यदि तनाव बढ़ता है,तो उनके गांव को भी कोई खतरा हो सकता है।
हमारा गांव सीमा पर,लेकिन कोई डर नहीं
- गांव हिंदुमलकोट के सरपंच जगवीर सिंह ने कहा, “हमारा गांव सीमा के करीब है,लेकिन हममें कोई डर नहीं है। हम अपनी सुरक्षा को लेकर जागरूक हैं और हर स्थिति के लिए तैयार हैं।” इस बीच, सोशल मीडिया और टीवी पर सीमा के हालात की पल-पल की जानकारी मिलती रही है।
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