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अब पशुओं की मौत पर तुरंत मिलेगा क्लेम

मंगला पशु बीमा योजना में पोस्टमार्टम की अनिवार्यता खत्म पशु चिकित्सक पंचनामा बना कर ही दे सकेंगे मृत्यु प्रमाण पत्र प्रदेश में मंगला पशु बीमा योजना के तहत बीमित पशु की मृत्यु होने के बाद क्लेम पास करने के लिए पोस्टमार्टम की अनिवार्यता नहीं होगी। बीमित पशु की मौत के बाद पशुपालक के आर्थिक भार […]

सीकरApr 26, 2025 / 12:20 pm

Puran

मंगला पशु बीमा योजना में पोस्टमार्टम की अनिवार्यता खत्म

पशु चिकित्सक पंचनामा बना कर ही दे सकेंगे मृत्यु प्रमाण पत्र

प्रदेश में मंगला पशु बीमा योजना के तहत बीमित पशु की मृत्यु होने के बाद क्लेम पास करने के लिए पोस्टमार्टम की अनिवार्यता नहीं होगी। बीमित पशु की मौत के बाद पशुपालक के आर्थिक भार को कम करने के लिए निदेशालय ने यह राहत दी है। जिसके अनुसार पशु चिकित्सक की ओर से पंचनामा (निरीक्षण रिपोर्ट) के आधार पर ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर देने पर बीमा क्लेम का भुगतान हो सकेगा। इससे पशुपालकों को आर्थिक और मानसिक रूप से काफी मदद मिलेगी। आपदा के दौरान बीमा किए गए पशु की मृत्यु हो जाती है, तो पशुपालक को केवल नजदीकी पशु चिकित्सक को सूचित करना होगा। सूचना के बाद पशु चिकित्सक मौके पर पहुंचकर पंचनामा तैयार करेंगे और उसी आधार पर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करेंगे। इसके बाद पशुपालक बीमा क्लेम की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। जिले में मंगला पशु के तहत दो चरणों में करीब सवा लाख पशुओं का निशुल्क बीमा किया जाएगा। प्रदेश में योजना के तहत 21 लाख पशुओं के बीमा के लिए प्रीमियम के रूप में चार सौ करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।
यों समझे फायदा

जिले में पशुपालन व्यवसाय से करीब 80 हजार किसान सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। पशुपालकों के अनुसार नए प्रावधान से पशुपालक को अपने मृत पशु को अस्पताल ले जाने या पोस्टमार्टम कराने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही बीमा क्लेम जल्द मिलने से पशुपालक फौरन नए पशु की खरीद कर अपनी आजीविका शुरू कर सकेगा। योजना में आए बदलाव से बीमा योजना और अधिक प्रभावी और सरल होगा। जिससे अधिक पशुपालकों को फायदा हो सकेगा।
यह है योजना

मंगला पशु योजना में 10 बकरियों और 10 भेड़ों की एक ही यूनिट माना गया है। गाय, भैंस, ऊंट की श्रेणी में एक पशु को एक ही यूनिट माना गया है। योजना में एक यूनिट पर सरकार ने 40000 रुपए बीमित राशि दी जाएगी। एक वर्ष तक बीमा योजना में पशुपालक से बीमा प्रीमियम के रूप में कोई राशि नहीं ली जाएगी। पशुओं के बीमा के लिए निर्धारित उम्र अनुसार गाय की उम्र 3 से 12 वर्ष और भैंस की 4 से 12 वर्ष होनी चाहिए।
पशुपालकों का योजना के प्रति बढ़े रुझान

मुयमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में बीमित पशु के मृत्यु प्रमाण पत्र के पोस्टमार्टम की अनिवार्यता को हटाया गया है। निदेशालय के अनुसार पशु चिकित्सक पंचनामा बनाकर भी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर सकेंगे। जिससे पशुपालकों का योजना के प्रति रुझान बढ़ जाएगा। वहीं पशु चिकित्सकों को भी राहत मिलेगी।
डॉ. दिनेश नेहरा, सदस्य, राजस्थान राज्य पशु चिकित्सा परिषद

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