Crowd gathers at sub-divisional office to submit memorandum – Photo: Patrika
राजस्थान के पर्यटन स्थल माउंट आबू का नाम आबूराज रखने की मांग को लेकर राजपूत समाज के नेतृत्व में शहर में निकाली कलश यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। जय आबूराज की भगवा झंड़ियों के साथ निकाली कलश यात्रा से माउंट आबू शहर भगवामय नजर आया। इस दौरान राजपूत समाज अध्यक्ष दलपत सिंह दहिया के नेतृत्व में बड़ी संख्या में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, स्थानीय नागरिकों व साधु-संतों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम उपखंड अधिकारी डॉ. अंशु प्रिया को ज्ञापन देकर माउंट आबू के नाम को आबूराज करने की मांग की।
कलश यात्रा में राजपूत समाज के बैनर तले आरणा, हेटमजी, माचगांव, सानीगांव, तोरणा, सालगांव, शेरगांव, उत्तरज, उबेडा इसरा, फूला बाई खेड़ा, नीलकंठ महादेव सेवा समिति, भृगु आश्रम उप सेवा समिति अचलगढ़, भैरूजी मंदिर तोरणा, रावणा राजपूत समाज, राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना, श्री अखाडा हनुमान सेवा समिति, चमत्मकारी वीरबाबा सेवा समिति समेत 16 गांवों व 53 संगठनों के हजारों लोग शामिल हुए।
कलश यात्रा में लोग भगवा झंडियां लिए जय आबूराज, जय-जय आबूराज के जयकारे लगाते शहर के विभिन्न स्थानों से होते हुए उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुंचे। जहां उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया।
बोले, गोवर्धन की तर्ज पर आबूराज की करते हैं परिक्रमा
ज्ञापन में बताया कि आबू पर्वत का नाम स्कन्द पुराण में आबूराज दर्ज है। जो कि सप्तऋषियों की तपोस्थली रही है। यहां के सारे पर्यटन स्थल धार्मिक हैं, जिसमें अर्बुदा माता शक्ति पीठ, दत्तात्रेय भगवान, अचलेश्वर महादेव, वशिष्ठ आश्रम, केदारनाथ, बद्रीनाथ आदि धार्मिक स्थल हैं। गर्मियों के दिनों में हजारों श्रद्धालु गोवर्धन की तर्ज पर आबूराज की परिक्रमा करते हैं।
यह वीडियो भी देखें
33 कोटि देवी-देवताओं की मान्यता वाले इस स्थान को पहाड़ियों की तलहटी में बसे सभी ग्रामीण प्रणाम कर अपने दैनिक कार्य आरंभ करते हैं। माउंट आबू का नाम जो कि अंग्रेजी में है, उसे बदलकर आबूराज किया जाए। सोलह गांवों व 53 संगठनों व सेवा समितियों के पदाधिकारियों ने हस्ताक्षारित ज्ञापन देकर माउंट आबू के नाम को आबूराज करने की मांग की।
ज्ञापन की प्रतिलिपि उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, मुख्य सचिव, जिला कलक्टर को भी प्रेषित की गई। प्रतिनिधि मंडल में बाबू सिंह, प्रवीण सिंह परमार, विजय सिंह, भुर सिंह देवी सिंह, नारायण सिंह, पर्वत सिंह, मुकेश सिंह, सोम सिंह, तरुण सिंह, राजवीर सिंह, महेंद्र सिंहर, शंकर सिंह, मंगल सिंह, अजीत सिंह, विजय सिंह भाटी, इंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह समेत हजारों की संया में महिलाएं, पुरुष, युवा व बच्चे उमड़े।