सवाल : कांग्रेस के गढ़ में वामपंथी आंदोलन कैसे इतना मजबूत हुआ कि आप चार बार विधायक और अब सांसद बन गए ?
जवाब : बचपन से ही किसान आंदोलन नजदीक से देखे, मन में सामंतवादी विचारों के बीज अंकुरित हो गए। कॉलेज में एसएफआइ से जुड़ा और 1979 में कल्याण कॉलेज का छात्र संघ अध्यक्ष चुना गया। इसके बाद दो बार ग्राम पंचायत मुंडवाड़ा से 1983 और 1993 में सरपंच का चुनाव जीता। 1993 में पहली बार सीपीआइ एम के टिकट पर धोद से विधायक और 2024 में सांसद।
सवाल : आप तो शिक्षक बन गए थे फिर सियासत में कैसे आ गए ?
जवाब : कॉलेज खत्म करने के बाद परिवार चलाने के लिए बीएड की और शिक्षक बन गया। इसी बीच राजनीति से जुड़े कुछ लोगों ने सरपंच का चुनाव लड़ने का आग्रह किया तो मन में उलझन थी, कि परिवार कैसे चलेगा ? चुनाव लड़ने का दबाव बढ़ा तो सोचा कि पुश्तैनी खेती बाड़ी से जैसे होगा गुजर बसर करेंगे। जो लोग चुनाव लड़ाना चाहते थे उनके सामने मैंने दो शर्त रखी, पहले प्रधान के लिए वोट किसी के दबाव में नहीं दूंगा, दूसरी खेतों के रास्तों के विवाद में नहीं पडूंगा। वे राजी हुए तो मैं भी नौकरी छोड़ राजनीति में आ गया।
सवाल : विपरीत धारा की सियासत कर रहे थे, क्या बाधाएं आई ?
जवाब : विरोधियों ने मुझे गुण्डा करार दिया। यहां तक कि ससुराल वाले मुझे उन्हीं की नजरों से देखने लगे। एक बार तो मेरी दूसरी शादी की अफवाह उड़ाकर पत्नी और मेरे बीच गलत फहमियां पैदा करने की कोशिश की गई। लेकिन जनता के लिए किए आंदोलनों ने मुझे सियासत के ‘हीरो’ के रूप में स्थापित कर दिया। कई चुनाव हारे भी, लेकिन अंतत: जनता ने जीत का सेहरा भी बांधा। 1996 से लगातार छह लोकसभा के चुनाव लड़े और पिछले चुनाव में सफलता मिली।
सवाल : राजनीति में व्यस्तता के बीच परिवार के लिए समय कैसे निकालते हो ?
जवाब : मेरा परिवार मेरी परििस्थतियों को समझता है, जितना समय भी दे पाता हूं, उसमें संतुष्ट रहते हैं। पत्नी ने भी इसे लेकर कभी शिकवा शिकायत नहीं की।
सवाल : कोई फिल्म या संगीत जो आपको पसंद हो ?
जवाब : फिल्में मुझे पसंद नहीं, आज तक कोई फिल्म पूरी नहीं देखी। कॉलेज के समय यदि यार दोस्त जबरन थियेटर ले जाते थे, तो आधे घंटे में बाहर आ जाता था। संगीत में पुराने व लोकगीत अच्छे लगते हैं, लेकिन इसके लिए अलग से समय नहीं निकाल पाता।
सवाल : आपका पसंदीदा खेल, अंतिम बार कब खेले ?
जवाब : कबड्डी मेरा पसंदीदा खेल है। कॉलेज समय में नेशनल तक खेला हूं। उसके बाद पिछले दिनों एक मैच के उद्घाटन के समय कबड्डी खेलने का मौका मिला।—-
सवाल : पार्टी से बाहर आपका पसंदीदा नेता ?
जवाब : मेरे आदर्श तो मेरे पार्टी के राष्ट्रीय नेता ही हैं। लेकिन पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत की स्पष्टवादिता ने मुझे प्रभावित किया है। उनके राजस्थान में मुख्यमंत्री रहते कई ऐसे मौके आए, जब उन्होंने अपनी बात साफगोई के साथ रखी। वे जमीन से उठकर सत्ता के शीर्ष तक पहुंचे।