सरकारी कोर्स ही महंगा
चौंकाने वाली बात यह भी है कि निजी स्कूलों में पढ़ाई के लिए पुस्तकों की जो राशि सरकार दे रही है, वह सरकार के खुद के कोर्स से भी कम है। मसलन, हिंदी माध्यम के पांचवी बोर्ड के कोर्स का बाजार मूल्य 236 और आठवीं बोर्ड का 558 रुपए है।
बच्चों को राशि देने से ज्यादा दुविधा
आरटीई में प्रवेशित बच्चों की पाठ्य पुस्तकों की पुनर्भरण राशि अब तक सरकार फीस पुनर्भरण राशि के साथ स्कूलों के बैंक खाते में ही भेजती रही है। ऐसे में निजी स्कूल अमूमन बच्चों को उसी राशि में कोर्स उपलब्ध करवा रहे थे, लेकिन इस बार पाठ्यपुस्तकों के 202 रुपए विद्यार्थियों के खाते में भेजने के सरकारी फैसले के बाद कई निजी स्कूल उस राशि में पुस्तकें उपलब्ध करवाने में आनाकानी कर रहे हैं। बाजार से कोर्स लेने पर भी वह महंगा मिल रहा है। इससे अभिभावकों की दुविधा बढ़ गई है।
ये सामने आई शिकायतें
केस- 1: सीकर शहर निवासी मनीष ठठेरा का पुत्र राघव आरटीई एक्ट के तहत निजी स्कूल की चौथी कक्षा में पढ़ रहा है। पिछले साल तक तो स्कूल ने राघव को पुस्तकें निशुल्क उपलब्ध करवा दी, लेकिन इस साल पुनर्भरण राशि उसके खाते में आने की बात कह वे कोर्स के दो हजार रुपए मांग रहे हैं।विभाग को मिली दो शिकायतें
विभाग को इस संबंध में दो शिकायतें मिली थी। मामले में स्कूल संचालक को फोन कर सरकार की तय पुर्नभरण राशि 202 रुपए में ही पुस्तक उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए। आगे भी कोई शिकायत मिली तो उस पर कार्रवाई करेंगे।घीसाराम भूरिया, एडीईओ (प्रा.), सीकर