scriptश्याम बाबा ने संभाला… 5 दिन पहले अपह्रत बच्चे के मिलने पर बोला हेड कांस्टेबल, जानें पूरी कहानी | Miracle of Shyam Baba Head constable spoke on finding kidnapped raksham from khatushyam 5 days ago | Patrika News
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श्याम बाबा ने संभाला… 5 दिन पहले अपह्रत बच्चे के मिलने पर बोला हेड कांस्टेबल, जानें पूरी कहानी

सीकर एसपी भुवन भूषण यादव ने बताया कि मथुरा जिले का स्यारहा निवासी आरोपी सतीश सिंह रक्षम को अपने साथ गांव ले गया था।

सीकरJun 12, 2025 / 10:13 am

Lokendra Sainger

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Photo- Patrika

खाटूश्यामजी में एकादशी मेले से अगुआ हुए तीन वर्षीय मासूम बालक रक्षम को आखिरकार उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से ढूंढ निकाला गया। जैसे ही बालक के मथुरा में होने की खबर मिली पुलिस और परिजनों की जान में जान आ गई। मासूम के मिलते ही माता-पिता ने उसे सीने से लगा लिया, उनकी आंखों से आंसू झलक पड़े। तकरीबन 700 कैमरों की जांच, रात-दिन की कड़ी मेहनत और अनगिनत सवालों के जवाब तलाशते हुए, पुलिस ने मथुरा के स्यारहा गांव से रक्षम को बरामद किया।
सीकर एसपी भुवन भूषण यादव ने बताया कि मथुरा जिले का स्यारहा निवासी आरोपी सतीश सिंह रक्षम को अपने साथ गांव ले गया था। जहां पुलिस के डर से बालक को गांव के प्रधान को सौंपकर फरार हो गया। बालक को मंगलवार रात को पुलिस ने बरामद कर उसके माता-पिता को सौंप दिया।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के भोपाल की ऐशबाग निवासी ललिता जाटव एकादशी पर अपनी मां के साथ खाटूश्यामजी दर्शनों के लिए आई थी। इसी बीच जयपुर से उनके साथ हुए सतीश से रास्ते में बातचीत के आधार पर मंदिर में दर्शनों के लिए जाते समय दोनों मां-बेटी रक्षम को उसे सौंप गई। दर्शन कर वापस लौटी तो उन्हें सतीश व रक्षम दोनों नहीं दिखे। बाद में खाटूश्यामजी थाने में रिपोर्ट लिखाने पर पुलिस ने विशेष टीम का गठन कर तलाश शुरू की।

हेड कांस्टेबल जुगन सिंह की जुबानी : बाबा श्याम की कृपा से मिला रक्षम

बालक को तलाशने में सीकर पुलिस के हेड कांस्टेबल जुगन सिंह की विशेष भूमिका रही। तीन वर्षीय रक्षम अपना नाम बताने में भी सक्षम नहीं था। उसकी मां ललिता ने गोद में सौंपते हुए आरोपी का नाम, पता या पहचान का कोई साक्ष्य भी नहीं पूछा। ऐसे में पुलिस के लिए लाखों की भीड़ से गायब हुए रक्षम व आरोपी सतीश को तलाशना मुश्किल काम था। इस बीच कुछ अहम सुराग मिले। इनमें पहली बार खाटूश्यामजी आई मां ललिता का उत्साह में मेले का वीडियो बनाना रहा, जिसमें रक्षम आरोपी सतीश की गोद में कैद हो गया। ये वीडियो ही दोनों की तलाश का पहला सुराग बना।
मां ललिता ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने खुद को मथुरा-वृंदावन का रहने वाला बताया था। जिस दुकान पर उन्होंने अपना बैग रखा उसके संचालक से बात करने पर उसने भी आरोपी को ब्रज भाषी बताया। ऐसे में तलाशने की एक दिशा मिली। इसके बाद पूरे खाटू व रींगस रेलवे स्टेशन सहित विभिन्न जगहों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। हेड कांस्टेबल जुगल के अनुसार उनके पुराने परिचित मथुरा के एक एसआई व स्थानीय लोगों की मदद ली गई। मथुरा पुलिस के एसआई ने स्यारहा गांव के प्रधान से संपर्क करवाया। जिन्होंने आरोपी से संपर्क किया तो वह रक्षम को उनके पास छोड़कर भाग गया। प्रधान के वीडियो कॉल से रक्षम की पुष्टि होने पर उसके माता- पिता को साथ ले जाया गया। जहां बच्चे को उनके सुपुर्द कर दिया।

बच्चा उठाने के बाद किए बाबा के दर्शन

पूरे मामले में अब भी ये साफ नहीं हो पा रहा है कि सतीश ने रक्षम का अपहरण किया भी या नहीं। क्योंकि पुलिस के मुताबिक रक्षम को गोद में लेने के बाद सतीश कई घंटों तक खाटूश्यामजी में ही घूमता रहा। उसने मंदिर में जाकर बाबा श्याम के दर्शन भी किए। रक्षम को फ्रूटी भी पिलाई। इसके बाद वह रींगस रेलवे स्टेशन पर भी अगले दिन पहुंचा। ऐसे में पुलिस भी अभी ये समझ नहीं पा रही है कि उसका उद्देश्य आखिर था क्या? संभावना ये भी जताई जा रही है कि वह रक्षम का अपहरण नहीं करना चाहता हो, लेकिन जब उसकी मां व नानी नहीं मिले तब वह उसे अपने साथ गांव ले गया हो और बाद में पुलिस के डर से प्रधान को सौंप दिया हो।
फैक्ट फाइल ….

6 जून को हुआ था रक्षम का अपहरण

4 दिन बाद मिला मासूम

3 थानों की पुलिस व डीसीटी जुटी तलाशी में

13 पुलिस अधिकारियों व जवानों की रही अहम भूमिका
700 सीसीटीवी फुटेज खंगाले

अनजान को ना सौंपे बच्चे व सामान

मेलों में या कहीं भी घूमने जाएं तो अपने बच्चे व कीमती सामान किसी अनजान के सुपुर्द ना करें। रास्ते में मिले किसी भी अनजान शख्स पर भरोसा करना बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है। जैसे कि इस मामले में हुआ। विश्वास में लेकर कोई भी किसी को नुकसान पहुंचा सकता है।

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