25 से ज्यादा सदस्य
द एवर ग्रीन्स ग्रुप की शुरुआत एसके स्कूल प्रधानाचार्य विवेक जांगिड़, कारोबारी रामबाबू सैनी, गोपाल खंडेलवाल व देवकीनंदन पारीक, पूनम सोनी, मेल नर्स गजराज सिंह, व्यायाता योगेश शर्मा, हिमांशु शर्मा लेखाधिकारी नरेंद्र पारीक ने की थी। अब उसमें 25 से ज्यादा सदस्य जुड़ चुके हैं। अभियान में शामिल लोग प्लास्टिक की खराब बोतल व थैली को फेंकने के बजाय इसमें सिंगल यूज प्लास्टिक मसलन चॉकलेट, बिस्किट, चिप्स के रेपर आदि एक तिहाई मात्रा में भरकर रख लेते हैं। फिर उनका सदुपयोग किया जाता है।
स्कूल में विकसित किया पार्क, बच्चों ने भी लिया भाग
द एवर ग्रीन अभियान का असर छाजा की नांगल एमजीजीएस में देखा जा सकता है। विवेक जांगिड़ की अगुआई में यहां सिंगल यूज प्लास्टिक की ईंटे बनाकर एक पूरा एजुकेशनल पार्क विकसित किया गया है, जिसमें गणितीय आकृतियों की चिनाई में इन्हीं ईंटों व सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग किया गया है। स्कूली बच्चों के सहयोग से प्लास्टिक का उपयोग गमले व अन्य निर्माण कार्यो में भी किया गया है। जांगिड़ की अब एसके स्कूल में ईको फ्रेंडली पार्क विकसित करने की योजना है।
प्रचार के साथ बढ़ रहा अभियान
द एवर ग्रीन मुहिम को प्रचार अभियान के जरिये आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए शिक्षण संस्थानों, पार्क तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों पर द एवर ग्रीन की टीम लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक से पर्यावरण को खतरे व इनके सदुपयोग के बारे में जानकारी देती है। ग्रुप सोशल मीडिया से भी एक दूसरे से जुड़ा है, जिसमें सदस्य अपनी गतिविधियों व उपलब्धियों को फोटो सहित शेयर करते हैं।