मंत्री खर्रा ने कहा कि 1998 में परसराम मदेरणा के नाम पर चुनाव लड़ा गया, लेकिन दिल्ली से किसी और की पर्ची आ गई। 2008 में सीपी जोशी के चेहरे पर चुनाव हुआ, लेकिन वह हार गए और पर्ची फिर आई। 2018 में सचिन पायलट के नाम पर चुनाव लड़ा गया, लेकिन दिल्ली से दूसरी पर्ची आ गई। खर्रा ने डोटासरा पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस की पर्ची वाली राजनीति को अब वे बीजेपी पर थोप रहे हैं।
सीकर का दायरा 14 साल बाद बढ़ेगा
सीकर नगर परिषद सभागार में आयोजित समारोह में खर्रा ने मास्टर प्लान 2041 के नक्शों की प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। आमजन 24 जुलाई तक प्रारूप देखकर अपनी आपत्तियां दर्ज करवा सकते हैं। खर्रा ने कहा कि मास्टर प्लान के तहत सीकर का दायरा 14 साल बाद बढ़ेगा, जिसमें आसपास के 50 गांव और ढाणियां नगरीय सीमा में शामिल होंगी। इससे इन क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास होगा।
डोटासरा के सवाल और खर्रा का जवाब
पीसीसी चीफ गोविंदडोटासरा ने सोशल मीडिया एक्स पर मास्टर प्लान के प्रकाशन में 18 माह की देरी पर सवाल उठाया था। उनका कहना था कि अक्टूबर 2023 में ड्राफ्ट तैयार था, फिर देरी क्यों? सिर्फ माहौल मत बनाइए.. आप वही मास्टर प्लान का ड्राफ्ट प्रकाशित कर रहे हैं, जो कांग्रेस सरकार के समय बनकर तैयार हुआ। कहीं ऐसा न हो.. कि अब आप आपत्तियां सुनकर इसे लागू करने में फिर डेढ़ साल और लगा दें। जवाब में खर्रा ने कहा कि डोटासरा सिर्फ माहौल बना रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वही ड्राफ्ट प्रकाशित किया गया है, जो कांग्रेस सरकार में तैयार हुआ था। खर्रा ने चेतावनी दी कि आपत्तियों के नाम पर इसे लागू करने में और देरी न हो।
खर्रा का रास्तों की चौड़ाई पर जोर
खर्रा ने बताया कि 2023 में तैयार मास्टर प्लान में मार्गों की चौड़ाई कम करने की समस्या थी। उन्होंने कहा कि शहर के विकास के लिए मार्गों को चौड़ा करना जरूरी है। विधिक राय के बाद संशोधनों को हटाया गया। उन्होंने बताया कि मास्टर प्लान से जुड़ी आपत्तियों के समाधान के लिए पहली बार जयपुर से अलग सीकर में विशेष टीम तैनात की गई है। इस दौरान खर्रा ने कहा कि वह भू-कारोबार से नहीं जुड़े हैं और उनका काम सिर्फ खेती, पशुपालन और समाज सेवा तक सीमित है। उन्होंने कहा कि जिनके स्वार्थ मास्टर प्लान से प्रभावित हो रहे हैं, उनके लिए कोई इलाज नहीं है।