सवाल : आपको आदिवासी गुड़िया बनाने व इसे देश-विदेश में अलग पहचान दिलाने के लिए पद्मश्री मिला है, कोई यादगार पल ?
जवाब : हमें पद्श्री मिलेगा यह कभी नहीं सोचा था। 25 जनवरी 2023 की रात को हमारे पास फोन आया कि आपको पद्श्री मिलेगा। मैंने देखा कोई मजाक कर रहा है और फोन काट दिया। फिर दोबारा फोन आया और वे बोले कि मैं गृह मंत्रालय दिल्ली से बोल रहा हूं आपको पद्मश्री मिलने की घोषणा हुई है, कुछ ही देर में मीडिया वाले घर पहुंच गए तब जाकर यकीन हुआ। कलक्टर ने अगली सुबह 26 जनवरी को जिला स्तरीय कार्यक्रम में बुलाया। मुझे व मेरी पत्नी को 5 अप्रैल 2023 को राष्ट्रपति द्रोपर्दी मुर्मू ने संयुक्त रूप से पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा।
सवाल : पद्मश्री मिलने के बाद आपके जीवन में क्या बदलाव आए ?
जवाब : मैं आज भी साइकिल चलाता हूं और आसपास के क्षेत्र में इसी से गुड़िया बनाने का प्रशिक्षण देने जाता हूं। हां यह जरूर है कि देशभर में लोग जानने लग गए हैं। रोजगार के साथ ही राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अच्छा मान- सम्मान मिल रहा है।
सवाल : आपने कितने लोगों को गुड़िया बनाना सिखाया ?
जवाब : अभी तक मैं 3 हजार महिलाओं व करीब 9 हजार छात्र-छात्राओं को गुड़िया बनाने के साथ ही पिथौरा चित्रकला, भीली पैंटिंग, तीर कमान, मिट्टी की कलाकृतियां सहित नौ तरह की कलाकृतियां बनाना सिखा चुका हूं।
सवाल : आदिवासी गुड़िया कला आपने कैसे व कहां से सीखी ?
जवाब : राजा-महाराजाओं के काल से हमारे पूर्वज लेदर शिल्प (जानवरों की खाल से मुखौटे व गुड़िया) आदि बनाते थे। 1954-55 में पिता रघुनाथ परमार ने कपड़ा, मिट्टी, तार, रुई, गोंद आदि से गुड़िया बनाना शुरू की और इसके बाद मैंने व पत्नी शांति देवी ने गुडिया बनाना सीखा।
सवाल : हस्तशिल्पियों को क्या संदेश देना चाहेंगे ?
जवाब : मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल, भारत सरकार की ओर से संभाग स्तर पर हस्तशिल्पियों के कार्ड बनाए जाते हैं, ये बनवाने चाहिए। अपनी कला को दिल्ली व अन्य राज्यों में लगने वाले मेलों में भी लेकर जाना चाहिए। छोटे-छोटे स्वयं सहायता समूह बनाकर कार्य करना चाहिए।
सवाल : युवा आत्मनिर्भर कैसे बनें व हस्तशिल्प को हर घर तक कैसे पहुंचाएं ?
जवाब : स्वरोजगार अपनाने से नौकरियों की कमी दूर होगी। हस्तकला हमारी सांस्कृतिक पहचान है। इसे आत्मनिर्भरता से जोड़ना समय की मांग है। हमें स्कूल, कॉलेज से ही छात्र-छात्राओं को हस्तशिल्प के साथ ही हमारी लोक- कलाओं से जोड़ना चाहिए। हस्तशिल्प उत्पादों को बनाने में नवाचार और आधुनिकता को शामिल करना होगा हमें नौकरी मांगने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनना होगा।