पूरा मामला जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर नगर पालिका अंतर्गत डैनिहा गांव का है। प्रशासन की ओर से बेघर हुए लोगों के लिए अस्थायी रुकने और भोजन की व्यवस्था की गई है। इधर, आदिवासी परिवारों का आरोप है कि वह इस जमीन पर 100 साल से अधिक समय से रह रहे हैं। जिनकी जमीन थी, उनके पूर्वजों की मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने चोरी-छुपे न्यायालय में मामला दाखिल कर हमें घरों से बेदखल करवा दिया।
गोपद बनास एसडीएम नीलेश शर्मा ने बताया कि कार्यवाही सिविल न्यायालय के निर्देश पर की गई है। सभी प्रभावितों को आश्रय स्थल में रखा गया है और उन्हें पट्टा व प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने की प्रक्रिया की जा रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व में पट्टा नहीं मिलने का कारण संभवतः आवेदन न किया जाना हो सकता है।